नगर परिषद् की बैठक हंगामे के बाद स्थगित, सीएमओ ने भाजपा पार्षद पर एफआईआर कराने की बात कही तो पार्षदों ने किया बैठक का बहिष्कार
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पिपलिया स्टेशन। नगर परिषद् की बैठक सीएमओ द्वारा पार्षद पर एफआईआर दर्ज कराने की बात बोलने पर हंगामे के बाद स्थगित हो गई, करीब 100 नामान्तरण प्रकरणों को मंजूरी नही मिल पाई। नगर परिषद् ने सात दिन बाद पुनः बैठक आहूत करने के लिए पार्षदों को सूचना भेजी है। जानकारी के अनुसार बुधवार को नगर परिषद् सभागृह में प्रातः 11.30 बजे बैठक आहूत की गई, जिसमें नगर परिषद् अध्यक्ष इंदिरा सुनील देवरिया सहित भाजपा-कांग्रेस के पार्षदगण मौजूद रहे। बैठक में पुराना बिजली ऑफिस से पोरवाल धर्मशाला तक सीसी रोड़, रेलवे फाटक पर अण्डरब्रिज बनाने के लिए शासन से मांग, वार्ड 6 में श्मशानघाट के पास नाला व पुलिया निर्माण, वार्ड 9 में 7/2 खारोल मोहल्ले में तारफेसिंग करने, नगर में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर व पोरवाल समाज के पितृपुरुष राजा टोडरमल की प्रतिमा लगाने, सफाई कर्मचारियों को अनाज अग्रिम राशि प्रदान करने के प्रस्तावों को स्वीकृति मिल गई। वहीं 100 नामान्तरण प्रकरणों को स्वीकृत करना था, इस दौरान बैठक विवादों में घिर गई। पार्षदों का कहना था कि पहले जो बैठक हुई थी, उसमें नामान्तरण प्रकरणों को क्यों नही रखा गया। नगर परिषद् द्वारा जानबुझकर एक साथ 100 नामान्तरण प्रकरण रखे गए, इसमें अवैध नामान्तरणों को भी शामिल कर लिया, जबकि कई प्रकरण न्यायालय में चल रहे है व कई पर आपत्तियां दर्ज है। इस दौरान भाजपा पार्षद कमल गुर्जर द्वारा 26 जून को पिपलियापंथ की छात्रा का ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र नही बनाए जाने पर नगर परिषद् कार्यालय पहंुचकर किए गए हंगामे पर सीएमओ आरती गरवाल ने आपत्ति ली और कहा कि मैं उस समय नगर परिषद् में नही थी, अन्यथा एफआईआर करवाती, सीएमओ ने यह भी कहा कि मुझे सारी जानकारी है, मेरी अनुपस्थिति में तुम मेरे बारे में क्या बोलते हो ? सीएमओ ने यह बात बोली तो पार्षदगण आक्रोशित हो गए, पार्षदों का कहना था कि जो भी मामला है, वह परिषद् की बैठक का विषय नही है, यह आपका व्यक्तिगत मामला हो सकता है, इसके बाद कांग्रेस-भाजपा पार्षद हंगामे के बाद बैठक छोड़कर बाहर आ गए। बाद में नपकर्मी ने पार्षदों को मोबाइल कॉल कर पुनः बैठक आयोजित करने की सूचना दी, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष सरफराज मेव, पार्षदगण बाबू मंसूरी, माया भूपेन्द्र महावर, धापूबाई अशोक कोहली नगर परिषद् पहंुचे और सीएमओ से चर्चा कर बताया कि बैठक स्थगित हो गई, उसके बाद पुनः सूचना देकर बैठक बुलाना कहां तक उचित है ? यह नगर परिषद् एक्ट के विरुद्ध है। बिना ऐजेन्डे के पुनः बैठक आयोजित नही की जा सकती है। इस पर सीएमओ ने कहा कि बैठक के बीच ब्रेक लिया था, वापस बैठक होना थी। लेकिन कांग्रेस पार्षदों का आरोप था कि ब्रेक था तो बैठक में बाहरी लोग अंदर कैसे आए ? काफी देर तक बहसबाजी हुई, आखिरकार बैठक नही हो पाई। बाद में नगर परिषद् सीएमओ ने सात दिन के बाद 7 जुलाई को पुनः बैठक आहूत करने की सूचना पार्षदों को दी है।
परिषद् का निर्णय था:- सीएमओ आरती गरवाल से जब बैठक में नामान्तरण प्रकरण स्वीकृत नही होने पर पूछा तो उनका कहना था यह परिषद् का निर्णय था। वहीं भाजपा पार्षद कमल गुर्जर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात पर सवाल किया तो उन्होंने कॉल कट कर दिया। बाद में लगातार कॉल करने के बाद भी रिसिव नही किया।