मंदसौरमध्यप्रदेश

फॉरेस्ट विभाग के भ्रष्ट अधिकारी लोगो की सांसों को कर रहे छीनने का काम, 8 लेन परियोजना में बिना नीलामी कर दिया लकडियों का बड़ा खेल

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मंदसौर DFO क्यों भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही नही कर पा रहे

बिना प्राधिकार के टीपी जारी करने पर है 1 साल की जेल का प्रावधान

दोनो अधिकारियों की अगर निष्पक्ष जाँच हो पाती तो हो सकते बड़े खुलासे

सीतामऊ- मंदसौर रेंज के रेंजर रतन सिंह सिंगोड और डिप्टी रेंजर रघुराज सिंह सिसौदिया लकड़ी माफियाओं के साथ मिलकर क्षेत्र से हरे भरे पेड़ो को कटवाकर करवा रहे लकड़ी की तस्करी और स्थानीय लोगो की सांसे छीनी जा रही है | जो ऑक्सीजन हरे भरे पेड़ देते है उसकी कीमत का आंकलन किया जाए तो एक पेड़ लाखों रुपए की ऑक्सीजन देता है ऐसे में मंदसौर और सीतामऊ परिक्षेत्र सहायक दो – दो प्रभार में रहकर श्री रघुराज सिंह सिसौदिया डिप्टी रेंजर द्वारा बिना प्राधिकार के ऐसी कुल 7 टीपी जारी की गई जिसमे लकड़ी मंदसौर मध्यप्रदेश से जोधपुर राजस्थान ले जाया गया | जबकि मध्यप्रदेश वनोपज अभिवाजन नियम 2000 कि धारा 22(1) के अनुसार साहब को बिना प्राधिकार के 7 टीपी जारी करने के लिए 70 हजार का जुर्माना और 7 साल की जेल होना चाहिए फिर मंदसौर डीएफओ कार्यवाही क्यों नही कर पा रहे? डीएफओ साहब की ऐसी क्या मजबूरी है? क्या जवाबदार माननीय पर्यावरण मंत्री जी स्थानीय लोगो की सांसे बेचने वाले भ्रष्ट दोनों अधिकारियों पर कार्यवाही कर पर्यावरण हित और क्षेत्रीय जनता के हित में कोई कदम उठाएंगे या जनता की सांसे ऑक्सीजन ऐसे ही छीनी जायेगी फिर कोरोना जैसी कोई महामारी आए और जनता ऑक्सीजन की कमी से मरती रहे?
दिनांक 17.02.2022 को डिप्टी रेंजर द्वारा ऐसे ही एक टीपी बिना प्राधिकार के जारी की उसमे भी बड़ा खेल कर गए क्यों की साहब के लिए नियम कायदे कुछ भी नही चलते साहब ने सिर्फ 7.60 घनमीटर की टीपी जारी की और उसमे इस टीपी की आड़ में 25 से 30 घनमीटर चिरान पटिए का परिवहन अवैध तरीके से करवाया जा रहा था और उस ट्रक को मंदसौर के कर्मचारियों ने पकड़ लिया और यही से साहब के कारनामों की पोल खुली उक्त ट्रक मे 27.4 टन चिरान पटिए लोड किए गए और उसका GST बिल ईवे बिल भी सलग्न था मतलब शासन को भी राजस्व का चूना और आम आदमी को अपने जीने के लिए जरूरी ऑक्सीजन का चूना इन सबके लिए आखिर कोन जिम्मेदार है?
मंदसौर रेंज के अंतर्गत आने वाली समस्त आरा मशीनों पर वर्तमान में भी हरे भरे पेड़ो को काटकर लाई गई अवेध लकड़ियों का अंबार लगा हे।
नवागत डीएफओ साहब कुछ कार्यवाही करेंगे या रोजाना लकड़ियों को अवेध परिवहन कर रहे ट्रैक्टरों को देख कर नीचे मुंह कर आगे निकल जाएंगे , इसी तरह रोजाना हरे भरे पेड़ो कि अवेध कटाई , और अवेध परिवहन का खेल चलता रहा तो वो जिले को रेगिस्तान बनाने में कुछ ही वर्ष लगेंगे ।

 

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