मप्र में गठबंधन को “झटका”खजुराहो सीट से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त

अब बसपा के पटेल और भाजपा के शर्मा के बीच होगा मुकाबला
खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त नामांकन फार्म पर हस्ताक्षर नहीं करने और पुरानी नामावली के चलते पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने निरस्त किया नामांकन। अब खजुराहो में सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी वीडी शर्मा ही अकेले रह गए। समझौते के चलते कॉंग्रेस ने खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी थी।
बताया जा रहा है कि मतदाता सूची में नाम को लेकर वोटर लिस्ट की प्रमाणित कॉपी संलग्न नहीं की गई थी. इस पर पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया. इसकी जानकारी मिलने पर सपा प्रत्याशी मीरा पन्ना कलेक्टर के पास पहुंचीं और करेक्शन के लिए समय मांगा गया लेकिन समय नहीं मिला.
इस सीट पर वर्तमान सांसद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा हैं. बीजेपी ने वीडी शर्मा पर फिर से भरोसा जताते हुए. आम चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने महागठबंधन के तहत सीट बंटवारा करते हुए समाजवादी पार्टी को खजुराहो सीट दे दी. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने मीरा यादव को उतारा है. वहीं बीएसपी ने कमलेश पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है.
अखिलेश बोले- सरेआम लोकतंत्र की हत्या
इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा, खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है. कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फॉर्म लिया ही क्यों. उन्होंने आगे कहा, ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा, जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फॉर्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साजिश रचते होंगे. भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी. इस घटना की न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है.
सपा ने दो दिन में बदल दिया था टिकट
बता दें समाजवादी पार्टी ने खजुराहो सीट पर दो प्रत्याशी बदले थे, पहले मनोज यादव को टिकट दिया, इसके दो दिन बाद ही मनोज यादव का टिकट बदल दिया गया और उनकी जगह पूर्व विधायक मीरा यादव को लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है. इसके साथ ही सपा ने डॉक्टर मनोज यादव को MP का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था. लेकिन अब मीरा यादव का टिकट निरस्त हो गया है, जिससे कांग्रेस और सपा के इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है.
मनोज यादव को बनाया प्रदेश अध्यक्ष
बता दें, मनोज यादव साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बिजावर से उन्हें विधायकी का टिकट मिला था. हालांकि, वहां से उनका टिकट काटकर रेखा यादव को उम्मीदवार बनाया था. लोकसभा चुनाव 2024 में खजुराहो में वीडी शर्मा के खिलाफ उम्मीदवार बनाया. अब फिर से प्रत्याशी बनाने के दो दिन बाद ही सपा ने उनका टिकट काट दिया. हालांकि, इस बार उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
खजुराहो सीट का राजनीतिक इतिहास
पिछले 20 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. साल 1999 से 2004 को छोड़ दें तो साल 1989 से ये सीट बीजेपी के पास है. साल 1999 में इस सीट से कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जीते थे. सबसे ज्यादा चार बार उमा भारती ने इस सीट से चुनाव जीता. साल 1989, 1991, 1996 और 1998 में चुनाव जीतकर सांसद बनीं. साल 1952 से 1967 तक ये सीट कांग्रेस के पास थी. 1967 से 1977 तक खजुराहो सीट निर्वाचन क्षेत्र को खत्म कर दिया गया. साल 1977 में जब चुनाव हुआ तो जनता पार्टी के लक्ष्मीनारायण नायक जीतकर आए.
आम चुनाव 2019 – वीडी शर्मा सांसद बने
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था. नागेंद्र सिंह की जगह वीडी शर्मा को टिकट दिया. इस चुनाव में वीडी शर्मा को आठ लाख, 11 हजार, 135 वोट मिले. वहीं शर्मा के करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की उम्मीदवार कविता सिंह को तीन लाख, 18 हजार, 753 वोट मिले. दोनों के बीच की वोट का अंतर लगभग पांच लाख रहा.
कैसा है खजुराहो लोकसभा सीट का मिजाज
खजुराहो लोकसभा में कुल मतदाता 18 लाख 31 हजार 837 हैं. 2008 के परिसीमन के बाद तीनों चुनाव भाजपा ने जीते हैं. लोकसभा चुनाव 2009 में भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह बुंदेला ने कड़ी टक्कर के बीच कांग्रेस के राजा पटैरिया को 28 हजार 332 वोटों से चुनाव हराया था. 2014 में भाजपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह नागौद ने कांग्रेस के राजा पटैरिया को 2 लाख 27 हजार 476 वोटों से हराया. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को 8 लाख 11 हजार 135 मत मिले. उन्होने कांग्रेस की कविता सिंह नातीराजा को 4 लाख 92 हजार 382 मतों से हराया. यहां से सत्यव्रत चतुर्वेदी, विद्यावती चतुर्वेदी के अलावा उमाभारती और रामकृष्ण कुसमारिया सांसद रहे हैं.
कैसा है खजुराहो लोकसभा सीट में जातीय समीकरण
खजुराहो लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण उलझे हुए हैं. खजुराहो में बुंदेलखंड और महाकौशल अंचल के इलाके आते हैं और ब्राह्मण और ठाकुरों के वर्चस्व वाली सीट है. इसके अलावा पिछडा वर्ग में यादव और पटेल समुदाय भी निर्णायक स्थिति में है. ज्यादातर इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा ब्राह्मण को ही टिकट देते आए हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मुरैना के रहने वाले हैं, लेकिन ब्राह्मण होने के नाते 2019 में खजुराहो सीट से चुनाव लड़े. इस इलाके में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाता भी निर्णायक स्थिति में है. 2011 की जनगणना के अनुसार इलाके में करीब 18 फीसदी अनुसूचित जाति और 15 फीसदी अनुसूचित जनजाति के वोटर है.