आध्यात्ममंदसौर जिलासीतामऊ

संसार में हम सब आए थे तो देने वाले थे परंतु हम धीरे-धीरे नीचे गिरे तो हम देने के बजाय लेने वाले बन गए- विद्युलता दीदी 

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तीन दिवसीय दिव्य प्रेरणा शिविर हुआ संपन्न 

सीतामऊ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय प्रभु उपहार भवन के हाल में तीन दिवसीय दिव्य प्रेरणा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम दिन पर तनाव मुक्त जीवन, दूसरे दिन व्यस्ततम दिनचर्या में सहज जीवन,तथा तीसरे दिन जीवन का उद्देश्य विषय पर प्रवचन माला का आयोजन किया गया जिसमें इंदौर से पधारी बीके विद्युलता बहन ने बहुत ही विस्तार पूर्वक व सहज तरीके से तीनों विषयों को स्पष्ट किया।

शिविर के तीसरे दिन जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज हमारे जीवन का सही उद्देश्य सभी को सुख शांति प्रेम आनंद सम्मान देना चाहिए परंतु जीवन का उद्देश्य केवल चाहिए ही रह गया है। पहले देना पूण्य था और लेना पाप समझा जाता था। अब हम देने के बजाय लेने वाले बन गए हैं। अतः हमें लेने के बजाय देने की भावना रखनी होगी तभी हमारा जीवन सफल हो सकता है। हर मनुष्य के मन में देने का भाव होना चाहिए देने का मतलब केवल धन दौलत ही देना नहीं बल्कि कोई गिरा हुआ है तो उसको सहारे की जरूरत है किसी को आगे बढ़ाना के लिए आपके द्वारा हौसला तारीफ सराहना कि जरुरत, किसी दुःखी प्राणी के मदद के लिए समय देने कोई अच्छा कार्य हो रहा समय देना जुड़ना खुद को परमात्मा से जोड़ने और अपने परिजन मित्र रिश्तेदार को जोड़ने में समय देना है। यदि हम सक्षम है बाबा ने दिया है तो यथा शक्ति तन मन के साथ धन भी देना चाहिए।आगे आपने कहा कि हम किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत स्वास्तिक बनाकर करते हैं अर्थात स्वास्तिक हमारे स्व स्थिति का यादगार है जब इस संसार में हम सब आए थे तो देने वाले थे परंतु जब हम धीरे-धीरे नीचे गिरे तो हम देने के बजाय लेने वाले बन गए। आज हम स्वयं को पहचान कर अपना संबंध परमात्मा से जोड़कर उससे सब कुछ ले और सारे विश्व को दें। आपने आगे कहा कि हर घर में कुलदेवी व कुलदेवता होते हैं अर्थात इसका अर्थ यह हुआ कि हमारे वंशज देवी व देवता हैं ।अतः हमें उनके गुणों को स्वयं में धारण करना है और अपने वंशज अर्थात पूर्वजों का नाम रोशन करना है।

संचालिका ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने कहा कि इस शिविर के बाद सात दिवसीय राजयोग अनुभूति शिविर रखा गया है जिसे आप सभी को अपने जीवन का एक घंटा निकाल कर अपने जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाना है उक्त शिविर में आप अपनी स्वेच्छा अनुसार सुबह शाम कभी भी भाग ले सकते हैं |

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