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स्वस्थ नारी, सशक्त समाज : आयुर्वेद शिविर में किशोरी बालिकाओं की स्वास्थ्य जांच, क्रमीनाशक गोली का वितरण

स्वस्थ नारी, सशक्त समाज : आयुर्वेद शिविर में किशोरी बालिकाओं की स्वास्थ्य जांच, क्रमीनाशक गोली का वितरण

कुचड़ौद। आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए” थीम पर आधारित दशम आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में पी.एम. श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुचड़ौद में मंगलवार को विशेष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर राष्ट्रीय आयुष मिशन एवं आयुष विभाग म.प्र. शासन, जिला आयुष अधिकारी मंदसौर एवं मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी मंदसौर के निर्देशन में आयोजित हुआ। सेवा पखवाड़ा अंतर्गत धुंधडका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों द्वारा भी बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना से हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों को आयुर्वेद को दैनिक जीवन में अपनाने, नारी स्वास्थ्य एवं सम्मान के प्रति संकल्प दिलाया गया।

152 बालिकाओं की हुई जांच, खून की कमी पर विशेष ध्यान

शिविर में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की किशोरी बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें हाइट, वजन और हीमोग्लोबिन की जांच प्रमुख रूप से शामिल रही। कई छात्राओं में हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया) पाई गई, जिनका तत्काल उपचार कर आवश्यक औषधियों का वितरण किया गया।

डॉक्टरों ने बताया कि लड़कियों में खून की कमी पढ़ाई और सामान्य जीवन पर गहरा असर डाल सकती है। संतुलित आहार में हरी सब्जियों, चुकंदर, गुड़ और दालों के सेवन की सलाह दी गई। इसके अलावा योग और आयुर्वेद के जरिए स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विस्तृत जानकारी दी गई।

शिविर के दौरान 152 बालिकाओं को क्रमीनाशक गोली (Albendazole) का सेवन कराया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि यह गोली आंतों में पाए जाने वाले कीड़ों (कृमियों) को मारती है और पोषण को बेहतर बनाती है, जिससे शरीर की सामान्य वृद्धि एवं विकास में मदद मिलती है।

चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि यह गोली पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन खाली पेट नहीं लेनी चाहिए। इसके बाद बालिकाओं को इसके दुष्प्रभाव एवं सावधानियों की भी जानकारी दी गई।

डॉक्टरों ने डेंगू को लेकर जागरूकता बढ़ाते हुए बताया कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। घरों के आसपास अगर पानी में छोटे कीड़े नजर आएं, तो तुरंत पानी को फेंकें या साफ करें। नियमित स्नान, साफ-सफाई और जल जमाव को रोकने की सलाह दी गई। साथ ही बच्चों को बताया गया कि अपने पड़ोसियों को भी इसके लिए जागरूक करें।

इस मौके पर सरपंच कारू लाल भील और उपसरपंच बिहारी गोयल ने आयुर्वेद भी प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डाला। कहा, “जब दवाइयां नहीं थीं, तब आयुर्वेद ही जीवन का आधार था।” इसके बाद “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत स्कूल परिसर में पौधा रोपण भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच ने की संकुल प्राचार्य गणेशराम सूर्यवंशी, मोनिका वैष्णव, शहनाज अंसारी का योगदान रहा।

शिविर में डॉ. सचिन पाटीदार (धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र), लेब टेक्नीशियन निकिता दुबे, परामर्शदाता आदिल हुसैन, एएनएम मधुबाला बामनिया, एएनएम यशोदा खड़ा द्वारा बालिकाओं की जांच की गई। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं ने भी विशेष सहयोग प्रदान किया।

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