क्षत्रिय करणी सेना ने लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने की मांग की और 100 विधानसभा सीटें भी मांगी

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करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने विभिन्न मांगों को लेकर 27 अगस्त को प्रदर्शन किया ऐलान
✍️विकास तिवारी
भोपाल। मप्र में गुजरात की तरह लव व लैंड जिहाद कानून बनाया जाए। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में 230 विधानसभा सीटों में 100 सीटों पर क्षत्रिय को टिकट दिए जाएं। यदि भाजपा व कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो करणी सेना निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी। प्रदेश में 100 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर क्षत्रियों की संख्या अधिक है। सत्ता में क्षत्रियों की भागीदारी बढ़ाई जाए। क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का गठन हो। 27 अगस्त को कुल 12 सूत्रीय मांगों को भोपाल में क्षत्रिय प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए अभी जगह का चयन ने किया हैं, जो जल्द तय की जाएगी। यह बात शनिवार को भोपाल हाट से लगे एक रेस्टोरेंट में क्षत्रिय करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा राज शेखावत ने मीडिया के समक्ष की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में क्षत्रियों के सभी संगठन एक मंच पर आएंगे। मप्र, गुजराती, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से क्षत्रिय जुटेंगे। सैकड़ों की संख्या में क्षत्रिय जुट कर एक देश, एक कननू और बुंदेलखंड संभाग को एक राज्य घोषित करने, एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग पर रोक लगाने, गो-माता को राष्ट्रीय माता का दर्ज दिलाने की सहित सभी की मांगें प्रदेश सरकार से की जाएंगी।
ये हैं 12 सूत्रीय मांगें-
-बुंदेलखंड संभाग को अलग राज्य घोषित हो, जो अभी उत्तर प्रदेश व मप्र में बंटा है।
-सनातन बोर्ड का गठन भी किया जाए।
-सत्ता में भागीदारी के लिए विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर क्षत्रियों को टिकट दिए जाए।
-क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और सवर्ण आयोग का गठन हो।
-ईडब्ल्यूएस की सभी विसंगतियां दूर कर महज आठ लाख रुपए और कम आय का प्रविधान हो।
-क्षत्रिय छात्रों के लिए हर जिले में हास्टल बनें।
-महापुरुषों व वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित हो।
-प्रदेश में गो रक्षार्थ कड़े कानून व गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिले।
-लव जिहाद, लैंड जिहाद को लेकर कड़ा कानून बनें। गुजरात में यह कानून बना है। इसी तर्ज पर मप्र में भी बने।
-भूतपूर्व सैनिकों व बलिदानियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियां दी जाएं।
-एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग पर कानून बनाया जाए।
-आरक्षण की समीक्षा हो। क्रिमिलेयर का प्रविधान हो।