आत्म साधना के पर्व दशलक्षण पर्व, कलश यात्रा के साथ संपन्न

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त्रिशला नंदन वीर की, जय बोलो महावीर की, साहित जय कारे लगाए गए
कुचड़ोद।(दिनेश हाबरिया) दिगंबर जैन समाज का 10 दिन का पर्यूषण पर्व कलश यात्रा जुलूस के साथ संपन्न हुआ। कलश यात्रा के जुलूस में जैन समाज जन विशेष परिधान में निकले। बैंड बाजे के साथ जुलूस जैन मंदिर से शुरू होकर खेड़ापति हनुमान मंदिर, चारभुजा नाथ मंदिर, सदर बाजार, बस स्टैंड, महादेव मठ, शीतला माता, कल्पवृक्ष चौराहा, पीपल चौक होते हुए, जुलूस का समापन जैन मंदिर पर हुआ।
जुलूस में त्रिशला नंदन वीर की, जय बोलो महावीर की,,जब तक सूरज चांद रहेगा, महावीर तेरा नाम रहेगा,,के जयकारे लगाते रहे। महावीर स्वामी द्वारा दिए गए जियो और जीने दो का संदेश दिया गया। यहां जैन मंदिर पर 10 दिनों तक प्रदूषण पर्व के अवसर पर प्रतिदिन आध्यात्मिक प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
ज्ञात हो मंदसौर जिले का एक कुचड़ोद गाँव है। यहा पर 30 से 35 दिगंबर जैन समाज का परिवार रहता है। परंतु इतनी कम समाज होने पर भी धर्म की रुचि तनिक भी कम नहीं है। यहां पर 10 दिन सभी लोग अपने प्रतिष्ठानों को बंद करके, धर्म आराधना करते हैं। यह एक प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय बात है।
यहां मंदिर पर प्रतिदिन पूजन तीन समय स्वाध्याय, भक्ति, पाठशाला और सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन किया गया। जिसमें तत्व ज्ञान की मुख्यता रखी गई। इस दश लक्षण पर्व आत्म आराधना पूर्वक सानंद संपन्न हुआ।जिसमें उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन, ब्रह्मचर्य का स्वरूप समझाया गया।
क्षमा धर्म विश्व शांति का मूल मंत्र है। इससे विश्व शांति के साथ-साथ आत्मिक शांति भी प्रकट हो सकती है। इसीलिए सारे विश्व को इन धर्म को अपनाना चाहिए। यह संदेश दिया गया। यहां जैन मंदिर में प्रतिदिन जयपुर से समयसत्य प्रधान दीदी और गोतम जी शास्त्री के प्रवचनों का लाभ मिला।
कलश यात्रा एवं जुलूस के दौरान गांव सहित अंचल के जैन समाज जन मौजूद रहे।