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कोटा:- रामगंजमंडी-झालावाड रोड स्टेशनों के बीच में शनिवार को बिजली के तार (ओएचई) अचानक टूट गए। इसी के साथ ही जयपुर-पुणे ट्रेन (12940) का पैंटोग्राफ भी क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में तारों की मरम्मत कर ट्रेन को आगे रवाना किया गया। इस घटना चलते मौके पर ट्रेन करीब तीन घंटे खड़ी रही। इसके चलते यात्री परेशान होते रहे। ट्रेन में पानी खत्म होने से यात्री प्यास से व्याकुल होते रहे। बाद में कई यात्रियों ने पास के खेतों में जाकर कुएं के पानी से अपनी प्यास बुझाई।
सूत्रों ने बताया कि यह घटना शाम करीब 5 बजे की है। बिजली के तार और पैंटोग्राफ टूटते ही जयपुर-पुणे ट्रेन मौके पर खड़ी हो गई। बाद में सूचना मिलते ही रामगंजमंडी और शामगढ़ से टावर वैगन मौके पर पहुंची। करीब 3 घंटे की मशक्कत कर तारों को ठीक किया जा सका। इसके बाद रात करीब 8 बजे जयपुर-पुणे ट्रेन मौके से रवाना हुई। ट्रेन को आगे वाले पैंटोग्राफ से चलाया गया।
रामगंजमंडी में एक घंटा खड़ी रही जयपुर सुपर-
इस घटना के चलते रामगंजमंडी में जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन करीब एक घंटा खड़ी रही। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चला है। शुरुआती बयान में चालको ने बताया कि टूटे तार में उलझ कर पेंटाग्राफ टूटा। वही टीआरडी विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि पेंटाग्राफ की गड़बड़ी से तार टूटे। अगर पहले तार टूटते तो ओएचई ट्रिप हो जाती। ऐसी स्थिति में तारों में करंट नहीं होने पर ट्रेन का चलना संभव नहीं था।
डीआरएम की जांच पर उठे सवाल-
उल्लेखनीय है कि इस घटना के एक दिन पहले शुक्रवार को डीआरएम मनीष तिवारी ने कोटा-भवानीमंडी के बीच सुरक्षा व्यवस्था की जांच की थी। साथ ही झालावाड रोड स्टेशन पर रुक कर भी व्यवस्थाएं देखी थीं। लेकिन इसके तुरंत बाद ऐसी घटना सामने आना संरक्षा जांच की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाने के लिए काफी है।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा यहां पर शुक्रवार को ही टावर वैगन द्वारा तारों का रखरखाव किया गया था। साथ ही टीआरडी विभाग के कर्मचारियों द्वारा तारों की गश्त भी की गई थी। इसके बाद भी यह घटना सामने गंभीर चिंता का विषय है। इससे साफ है कि कोटा मंडल में किए जा रहे संरक्षा कार्यों में लीपापोती की जा रही है।
बोर्ड के आदेश भी हवा-
यह हाल तो तब है जब उड़ीसा की घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने संरक्षा के विशेष आदेश दे रखे हैं। अधिकारियों को लगातार फील्ड में भेजा जा रहा है। खुद रेलवे बोर्ड अध्यक्ष रोजाना बैठक लेकर अधिकारियों को सीधे संरक्षा के विशेष निर्देश दे रहे हैं।