मप्र में आज दो घंटे और कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सरकारी डाक्टर

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चिकित्सक महासंघ की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर समिति बनी पर वार्ता के बाद भी नहीं बनी सहमति।
✍️विकास तिवारी
भोपाल। मध्य प्रदेश में पहली बार स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी डाक्टरों ने एक साथ आकर आंदोलन की चेतावनी दी है। चिकित्सक महासंघ ने मंगलवार को सुबह 11 से एक बजे (दो घंटे) तक काम बंद आंदोलन की घोषणा की है। बुधवार से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इसमें इमरजेंसी सेवाओं से लेकर पोस्टमार्टम तक बंद करने की चेतावनी उन्होंने दे दी है। जूडा भी उनके साथ है।
संगठन की सबसे बड़ी मांग समयबद्ध क्रमोन्नति के लिए डायनमिक एश्योर्ड करिअर प्रोग्रेसिव स्कीम (डीएसीपी) लागू करना है। इसके अलावा पांच अन्य मांगें हैं। अपनी मांगों के समर्थन में डाक्टरों ने
“चिकित्सा बचाओ, चिकित्सक बचाओ” संपर्क यात्रा निकाली थी।
15, 16 और 17 फरवरी को महासंघ के बैनर तले डाक्टरों ने आंदोलन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद 17 फरवरी को उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था। मुख्यमंत्री ने मांगों के संबंध में एक समिति बनाकर विचार करने को कहा था, लेकिन बातचीत का कोई हल नहीं निकला।
यह हैं प्रमुख मांगें
-केंद्र, बिहार एवं अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के चिकित्सकों हेतु डीएसीपी योजना का प्रविधान।
– स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं बीमा अस्पताल (ईएसआइ) की वर्षों से लंबित विभागीय विसंगतियां दूर हों।
– चिकित्सकीय विभागों में तकनीकी विषयों पर प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप दूर किया जाए।
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (एमबीबीएस) की मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाने चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाए।
– एमबीबीएस के बाद ग्रामीण सेवा बांड राशि को कम करना तथा शिक्षण शुल्क जो कि देश में सर्वाधिक है को कम करना।
– विभाग में कार्यरत समस्त बंधपत्र चिकित्सकों का वेतन समकक्ष संविदा चिकित्सकों के समतुल्य करना।