सुवासरामंदसौर जिला

सुवासरा मंडी पड़ी विरान, केवल कागजों में चल रही क्या, कयासों का दौर जारी

*******************

सुवासरा- नगर की वीरान पड़ी कृषि उपज मंडी केवल कागजों में चल रही हे। विगत दिनों मंडी के शेड में रखे व्यापारियों का माल कलेक्टर द्वारा तहसीलदार को लिखे गए पत्र के बाद हटाया गया। अब व्यापारियों का कहना है की मंडी प्रशासन वीरान पड़ी मंडी को फिर से गुलजार करने का प्रयास करे। मंडी प्रशासन द्वारा शेड में रखे माल को हटाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने वीरान मंडी को मांगलिक कार्यक्रम के उपयोग सहित कई तरह से परिवर्तित करने के लिए चर्चाओ का दौर जारी है।

केबिनेट मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने भी दो तीन बार व्यापारियों के साथ बैठक कर मंडी को पुनर्जीवित करने की बात कर फिर इस ओर ध्यान नहीं दिया। अभी मंडी में 45 लाइसेंसधारी व्यापारी है। लेकिन लगभग 10 व्यापारी ही मंडी में खरीदी करने पहुंचते है। और लंबे समय से मंडी में माल नहीं आने से ये व्यापारी भी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे है। इसका मुख्य कारण हे की नगर के सभी प्रवेश मार्गो पर कुछ रसूखदार व्यापारियों ने बड़े बड़े गोदाम बनाकर वहीं खरीदी केंद्र बना लिया है जिससे की किसान वहीं अपनी उपज व्यापारी को विक्रय कर देता है। ऐसे में नगर के अंदर जो अनाज व्यापारी है वे मंडी में माल आने का इंतजार भर करते है। ये जानकारी मंडी प्रशासन को भी है लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते वो इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते है। जब मंडी सचिव रामेश्वर मेड़ा से वीरान मंडी के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था की अभी 8 से 10 हजार बोरी की उपज समर्थन मूल्य केंद्र में आ रही हे। समर्थन मूल्य के कारण अभी मंडी में माल की आवक नही है।

इसके उलट बाहर बाजार में भी दो से तीन हजार बोरी का माल प्रतिदिन विभिन्न जिंसो का व्यापारी खरीद रहे हे। ये सीधा नुकसान मंडी टैक्स का है। लेकिन मंडी प्रशासन जानबूझकर अनभिज्ञ बन रहा हे। जिन व्यापारियों के गोदाम नगर के बाहर हे वो बाहर ही किसानों से माल की खरीदी कर मंडी को नुकसान पहुंचा रहे हे। अभी बाजार में अलसी, सोयाबीन, गेंहू और रावा (रायड़ा) बाजार में विक्रय होने आ रहा है। हालांकि गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही हे लेकिन इस बार बहुत कम किसानों ने गेंहू के लिए अपना पंजीयन करवाया है। और ये गेंहू बाजार में सीधा व्यापारियों के गोदाम में क्रय किया जा रहा हे। नगर की कृषि उपज मंडी की दुर्दशा का आलम यह है की यहां ना तो जनप्रतिनिधि का ध्यान हे और ना ही प्रशासन का हे। यहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मंडी को पुनर्जीवित करने में अभी तक नाकाम रहे हे।

ये कहते है जिम्मेदार-

अभी समर्थन मूल्य के कारण मंडी में माल की आवक कम हे। –संजय डपकरा अध्यक्ष अनाज व्यापारी संघ सुवासरा

समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र से जो खरीदी हो रही है। वो मंडी की ही आवक है। मंडी से बाहर जो माल विक्रय हो रहा हे उससे ज्यादा की तो हम व्यापारी की रसीद बना देते है।

–  रामेश्वर मेड़ा  सचिव   कृषि उपज मंडी समिति सुवासरा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}