मां का प्रथम दूध अमृत समान,विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन

गरोठ– महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना गरोठ सिविल हॉस्पिटल गरोठ प्रसूति वार्ड में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसमें परियोजना अधिकारी राखी बारिया द्वारा नवजात शिशु को प्रसव के तुरंत बाद स्तनपान करना अति आवश्यक है, मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चों के लिए प्रथम टीकाकरण होता है, जिसमें रोग प्रतिशोध क्षमता बहुत ज्यादा होती है, यह रोगों से लड़ने की ताकत पैदा करता है, शीघ्र स्तनपान करने से मां के शरीर से नवजात शिशु को गर्माहट मिलती है, मां का दूध बच्चों को आसानी से पच जाता है, और प्रसव के बाद पीला गाढ़ा दूध जो होता है, उसमें आवश्यक ऊर्जा प्रोटीन वसा विटामिन विटामिन ए सहित खनिज तत्व एवं सभी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और यह शिशु को बीमारियों से रक्षा करता है यह बच्चे के लिए संपूर्ण आहार होता है व स्वच्छ कीटाणु रहित मां का दूध भोजन की तरह हर समय बच्चे की इच्छा अनुसार मिल सकता है यही संपूर्ण आहार बच्चों के लिए होता है। पर्यवेक्षक रेखा सोनी द्वारा बताया गया मां का दूध बच्चों को बहुत सी बीमारियों एवं परेशानी से बचाता है, मां और बच्चे भावनात्मक संबंध बढ़ता है, स्तनपान मां को स्तन कैंसर वह गर्भाशय के कैंसर वह अन्य कहीं बीमारियों से बचाता है, वह बच्चों के लिए सुरक्षा कवच होता है, स्तनपान कराते समय बच्चों को किस प्रकार से रखकर दूध पिलाना चाहिए बच्चों को दूध पिलाने के बाद उन्हें कंधे पर किस प्रकार से रखना चाहिए समझाइश दी गई , ज्यादा से ज्यादा मां का दूध मिल सके सभी माताए अपने बच्चों की भूख का आकलन कर सकती है, यदि बच्चों को 24 घंटे में 6 से 8 बार पेशाब करता है तो बच्चों का पेट भरा हुआ है, बच्चों को जन्म से लेकर तो 6 माह तक ऊपर से कुछ भी अन्य पदार्थ नहीं देना चाहिए सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए, जिससे बच्चा स्वस्थ रहता है उसे किसी भी प्रकार का कोई इंफेक्शन नहीं होता है बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई घुट्टी नहीं देना चाहिए सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान अंतर्गत भ्रूण हत्या गर्भपात एवं बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है, समझाइश दी गई।
इस प्रकार उपस्थित सभी माताओं को सही समय पर उचित रूप से स्तनपान कराने की शपथ ग्रहण दिलवाई गई, डॉक्टर किशोर परिहार द्वारा स्तनपान का महत्व बताया गया, एवं जन्म से लेकर 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध देना चाहिए, और 6 महीने बाद ऊपरी आहार लिक्विड तरल पदार्थ देना चाहिए, जिससे बच्चों को उचित पोषण मिल सके, जिससे बच्चा का शारीरिक और मानसिक विकास सही हो, और बच्चे का वजन और ग्रोथ सही हो, और बच्चे स्वस्थ हो।
इस अवसर पर सभी को फल वितरित किए गए।
इस अवसर पर हॉस्पिटल डीआर किशोर परिहार उमंग स्वास्थ्य केंद्र पूजा चौहान, एएनएम अंजनी, नमिता, अनीता, एनआरसी दिनेश जाटव, एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इंदु नरवाल, आशा रानी, राजकुमारी पवार, एवं सभी माताए स्वास्थ्य कर्मी एवं पूरा स्टाफ उपस्थित रहे। इसी प्रकार सभी आंगनबाड़ी केदो पर विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, वह गर्भवती माता एवं धात्री माता को जागरूक किया जा रहा है।