मुस्लिम समाज द्वारा ईद उल फितर का त्यौहार एक दूसरे से गले मिलकर मनाया, मांगी देश में अमन चैन और शांति की दुआ

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ईद उल फितर का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
साबीर पटेल
सीतामऊ। इस्लाम धर्म में ईद-उल-फितर का त्योहार बहुत ही खास होता है। इसे मीठी ईद भी कहते हैं. रमजान महीने के खत्म होते ही 10 वें इस्लामी महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है।मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के रोजे रखने की कड़ी इबादत के बाद एक मजहबी ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये ऐक शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।ईद-उल-फितर के मौके पर एक खास दावत तैयार की जाती है। जिसमें खासतौर से मीठा खाना शामिल होता है। इसलिए इसे भारत और कुछ दक्षिण एशियाई देशों में मीठी ईद भी कहा जाता है। ईद-उल-फितर पर खासतौर से सेवइयां यानी गेहूं के नूडल्स को दूध के साथ उबालकर बनाया जाता है और इसे सूखे मेवों और फलों के साथ परोसा जाता है।

ईद उल फितर त्योहार के प्रारंभ में ईद कि मुख्य नमाज शहर काजी द्वारा पढ़ाई गई ,मुस्लिम समाज जनों द्वारा नमाज अदा कर अल्लाह ताला से देश में अमन चैन और शांति की दुआ मांगी।
इस मौके पर प्रशासन की तरफ से अनुविभागीय अधिकारी श्री राजेश तहसीलदार श्री नीलेश पटेल अनुविभागीय पुलिस अधिकारी सुश्री निकिता सिंह थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति पटवारी समरथ बैरागी सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उपस्थित रहकर मुस्लिम समाज जन को ईद की बधाइयां दी।