समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 13 अगस्त 2024

शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रतलाम में नैक की टीम द्वारा निरीक्षण
रतलाम 12 अगस्त 2024/शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय मुल्यांकन प्रत्यायन परिषद (बेंगलोर) के दल द्वारा सोमवार को मुल्यांकन परिक्षण किया गया। कलेक्टर श्री राजेश बाथम के साथ नैक टीम की मुलाकात भी हुई जिसमें कलेक्टर द्वारा महाविद्यालय की एकेडमिक गतिविधियों की चर्चा की गई। प्राचार्य डॉ सुरेश कटारिया ने बताया कि महाविद्यालय का अद्यतन समग्र ब्यौरा प्रतिवेदन के रूप में भेजने के उपरांत उसका ऑनलाइन सत्यापन नैक संस्था द्वारा किया गया। भौतिक मुल्यांकन हेतु पियर टीम के तीन सदस्य दो दिनों के लिए महाविद्यालय में उपस्थित रहेगें। जिसमें पियर टीम की चेयरपर्सन डॉ प्रीति अग्रवाल (पूर्व वाइस चांसलर रायसोनी विश्वविद्यालय अमरावती) मेम्बर कोऑर्डिनेटर डॉ सतिंदर कौर (डीन क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मु) तथा मेम्बर डॉ पार्वती अपैया(सेवानिवृत प्राचार्य करिअप्पा) है। महाविद्यालय में पियर टीम के आने पर समस्त छात्रों ने उत्साहपूर्वक टीम का स्वागत किया।
राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद का सम्मान कार्यक्रम कॉलेज के मुख्य द्वार से प्रारंभ हुआ, महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए रघुपति राघव राजा राम की धुन के साथ एनएसएस की छात्राओं द्वारा करतल ध्वनि से महाविद्यालय को गुंजायमान कर दिया। आदिवासी लोक नृत्य के साथ स्वागत किया गया प्राचार्य डॉ सुरेश कटारिया तथा स्टाफ द्वारा टीम का स्वागत किया गया। तथा माँ सरस्वती के मंदिर में उनके पूजन के साथ महाविद्यालय का मूल्यांकन कार्य प्रारंभ हुआ प्राचार्य डॉक्टर कटारिया द्वारा पीपीटी के माध्यम से महाविद्यालय की समग्र जानकारी का प्रदर्शन किया तत्पश्चात आइक्यूएसी प्रभारी डॉक्टर तबस्सुम पटेल ने महाविद्यालय के प्रतिवेदन का प्रदर्शन किया टीम द्वारा प्रत्येक विभाग का निरीक्षण किया गया इस अवसर पर भूतपूर्व छात्राओं से भी टीम द्वारा संवाद किया गया।
सायंकालीन सत्र में छात्राओं द्वारा भारतीय पारंपरिक आधार पर पुनः टीम का स्वागत किया । इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। जिसमें आदिवासी लोक नृत्य, संजा के गीतों को छात्राओं द्वारा गायन और सुंदर नृत्य प्रदर्शन किया गया। शिव तांडव नृत्य, महाकाल की सवारी के साथ उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। प्राचार्य डॉ कटारिया ने कॉलेज के बारे में विस्तृत जानकारी दी। टीम की चेयरपर्सन डॉ प्रीति अग्रवाल ने छात्राओं की प्रतिभा को सराहा और उनको अनेक शुभकामनाएं व बधाई दी। इस अवसर पर महाविद्यालय की भूतपूर्व एवं वर्तमान छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थी।
================
एड्स जागरूकता अभियान का शुभारंभ डॉ लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज में किया गया
एड्स की जानकारी ही बचाव है
रतलाम 12 अगस्त 2024/अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त के अवसर पर रतलाम जिले में एड्स/एस टी आई जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया। डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री गोविंद काकानी, श्री हेमंत राहोरी, श्री मनोहर पोरवाल एवं उज्जैन आलोट सांसद प्रतिनिधि श्री जितेंद्र काला, डीन डॉ अनीता मुथा, सीएमएचओ डॉ आनंद चंदेलकर, नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक अरोरा, पीएसएम की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर स्वर्ण कांता लिखार, डॉ ध्रुवेंद्र पांडे, डॉ पवन शर्मा डॉ प्रफुल्ल सोनगरा, मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट डॉ प्रदीप मिश्रा , हॉस्पिटल मैनेजर डॉक्टर अंकित शर्मा, जिला जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री रत्नेश विजयवर्गीय, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री संजय सेन, डीपीएम डॉ अजहर अली, डॉ गौरव बोरीवाल, डॉ संकल्प श्रीवास्तव, एपीएम श्रीमती हीना मकरानी, श्री शरद शुक्ला, पीएमडीटी कोऑर्डिनेटर श्री जय सिंह सिसोदिया, काउंसलर श्री अपूर्व शर्मा, ए आर टी समन्वयक डॉ रामेंद्र गुप्ता, आदि की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए सीएमएचओ डॉ आनंद चंदेलकर ने बताया कि प्रदेश के 10 जिलों में चलाए जा रहे अभियान में रतलाम जिले में एचआईवी/एड्स के रोगियों की संख्या अधिक होने के आधार पर रतलाम जिले को भी कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। जन जागरूकता अभियान के दौरान 12 अगस्त 2024 से 12 अक्टूबर 2024 तक जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएगी। रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री गोविंद काकानी ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों से रक्तदान करने की अपील की। श्री मनोहर पोरवाल ने एड्स रोग की जानकारी लोगों तक पहुंचाने की बात कही। श्री हेमंत राहोरी ने कहा कि एचआईवी/एड्स के रोगियों के लिए शासन द्वारा निशुल्क खाद्यान्न पात्रता पर्ची बनाए जाने का प्रावधान है। इसके लिए एचआईवी पीड़ित मरीज को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाना चाहिए।
मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ अनीता मुथा ने कहा कि कम्युनिटी मेडिसिन के अंतर्गत एचआईवी /एड्स के लिए मेडिकल कॉलेज की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। नोडल अधिकार डॉ अभिषेक अरोरा ने बताया कि एड्स का पूरा नाम एक्वायरड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम है, अर्थात यह रोग किसी न किसी रूप में अर्जित किया जाता है और इसके होने पर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है, जिसके कारण बीमारियों के ठीक होने की दर बहुत ही धीमी हो जाती है। एचआईवी/एड्स मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संपर्क, बिना विसंक्रमित की हुई सिरिंज या नीडल के उपयोग से, असुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन से एवं गर्भवती माता से गर्भस्थ शिशु को होता है।
इससे बचाव के लिए सभी लोगों को अपनी एचआईवी/एड्स की जांच आवश्यक रूप से कराई जाना चाहिए। एड्स से बचाव हेतु असुरक्षित यौन संपर्क नहीं करना चाहिए, यौन संपर्क के दौरान कंडोम का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, हमेशा नई सुई एवं नई सीरींज का उपयोग करना चाहिए, ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए हमेशा ब्लड की पूर्व जांच करना चाहिए और समस्त गर्भवती माता को गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाना चाहिए। समय पर जांच एवं उपचार करने से रोग से बचा जा सकता है एवं इसके प्रसार को रोका जा सकता है। किसी भी स्थिति में नशा नहीं करना चाहिए नशा करने वाले व्यक्तियों द्वारा एक ही सुई का अनेक बार उपयोग करना एड्स का एक महत्वपूर्ण कारण पाया गया है।
जिले भर में वर्तमान में लगभग 2500 से अधिक एच आई वी मरीज रजिस्टर्ड है। जिनका ए आर टी पद्धति से उपचार किया जा रहा है। उपचार करने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है। लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों ने एड्स रोग के संबंध में अधिनियमों से परिचित कराते हुए एड्स रोगियों के मानव अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान महिला बाल विकास विभाग यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री संजय सेन ने उपस्थित सदस्यों से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संकल्प कराया। श्री रत्नेश विजयवर्गीय जिला समन्वयक जन अभियान परिषद ने सभी को नशामुक्त भारत एवं एक पेड़ मां के नाम अभियान का संकल्प कराया। कार्यक्रम के दौरान मैदान स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य करने वाले श्री काजल जी का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में एचआईवी/एड्स के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान सभी सम्माननीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने एड्स जागरूकता प्रचार वाहन और रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम के दौरान जिले के शहरी आशा कार्यकर्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आरोग्यम नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आशीष चौरसिया ने किया तथा अंत में आभार श्री जयसिंह सिसोदिया ने माना।
==================
सामूहिक शपथ ऑनलाइन दिलाई गई
रतलाम 12 अगस्त 2024/भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, वहीं नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) अपने पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, इस उपलब्धि को मान्यता देते हुए, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग पूरे देश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामूहिक दिलाई गयी। इस वर्ष के आयोजन का मूल विषय ‘विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र’ है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 12 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअली जुडकर संबोधित किया व सभी को सामूहिक शपथ ऑनलाइन दिलाई गयी। जिसमें जिलें के शासकीय कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों, और अन्य सार्वजनिक संस्थान शामिल होकर शपथ ली गयी।
मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाला विकार एक ऐसा मुद्दा है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न साइकोएक्टिव पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की उस पर निर्भरता बढ़ जाती है। कुछ पदार्थ यौगिक न्यूरो-साइकाइट्रिक विकारों, हृदय रोगों के साथ-साथ दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं और हिंसा का कारण बन सकते हैं। इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और निर्भरता को एक साइको-सोशल-मेडिकल समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 15 अगस्त 2020 को नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया। इसे अगस्त 2023 से देश भर के सभी जिलों में लागू किया गया है। एनएमबीए का उद्देश्य आम जनता तक पहुंचना और मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह नशे के आदी लोगों तक पहुंचने और उसकी पहचान करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों आदि पर ध्यान केंद्रित करता है। नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों में परामर्श और उपचार की सुविधाएं प्रदान करना और सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाना है।