आश्रमों का त्याग करके आज बड़े-बड़े संत बन गए जिनके जीवन में त्याग वैराग्य सन्यास का दर्शन दुर्लभ हो गया

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सालरिया- चिमनगढ़ मे चल रही युग संत श्री गोवर्धन जी जोशी लौट खेड़ी (भानपुरा) के मुखारविंद से सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के पांचवे दिन श्री जोशी ने कहा है कि आधुनिक संतों की चकाचौंध से सनातन सत्य संत का वेश परिवेश समाप्त हो गया भगवान कपिल ने चार आश्रमों का निर्माण किया। गृहस्था आश्रम ब्रम्हचर्य आश्रम वामप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम इन चारों आश्रमों का त्याग करके आज बड़े-बड़े संत बन गए जिनके जीवन में त्याग वैराग्य सन्यास का दर्शन दुर्लभ हो गया कलयुग का प्रभाव जिसमें सत्य धर्म अदृश्य हो गया ना सत्य का साथ देने वाला बचा ना सत्यता देने वाला बचा वेद पुराणों की गलत परिभाषा बता कर भोले भाले भक्तों को ठगा जा रहा है व्यासपीठ की मर्यादा को भंग कर याद फिर से अपशब्दों का प्रयोग चलन बढ़ता जा रहा है जिसको लोग तालियां बजा बजाकर समर्थन दे रहे हैं मर्यादा हीन भाषा सनातन धर्म के लिए हानिकारक है मर्यादा का पालन करते हुए श्री राम नीति कर्म नीति धर्म नीति पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम बने। श्री कृष्णा योगेश्वर बने आजकल या स्पीड से बोलने का चलन भाषा हिन मर्यादा हिन बढ़ता जा रहा है ऐसा मालूम पड़ता है जैसे व्यासपीठ पर बैठकर कोई नौटंकी कर रहा है क्या तुम जो बोल रहे जो तुम सुन रहे जो तुम स्वीकार कर रहे हैं क्या यही सनातन है हमारे वेद पुराण कभी मानव को अपने कर्म से दूर करने की शिक्षा नहीं देते हैं कर्म की प्रधानता से ही धर्म का प्राकट्य होता है ईश्वर हो या इंसान कर्म से ही महान बने हैं भ से भक्ति ग से ज्ञान व से वैराग्य त से त्याग से भागवत का संदेश है आजकल तुम्हें कहीं त्याग और वैराग्य के दर्शन हो रहे हैं क्या 20 लाख 25 लाख कमा कर दो लाख का गरीबों में दान कर दिया क्या इसमें तुम्हें ईश्वर की प्राप्ति हो जाएगी ध्यान रखना ऊपर वाला वह सब देख रहा है जो तुम कर रहे हो अंधविश्वास और नौटंकी 1 दिन भगवान के प्रति आस्था और श्रद्धा को समाप्त कर देगी धर्म को चलाने वाले किस दिशा में जा रहे हैं यह अब विद्वानों को सोचना पड़ेगा यही भागवत कथा का भगवान श्री कृष्ण का संदेश है।
21को श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन किया जाएगा