ग्वालियरमध्यप्रदेश

पिता की पिटाई से नाराज होकर घर छोड़ गया था नाबालिग बेटा, 6 साल में बन गया बड़ा आदमी, फिर ऐसे मिला परिवार

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ग्वालियर| मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसे परिवार की कहानी सामने आई है जो बहुत कुछ फिल्मी है. नाबालिग बेटा अपने पिता की पिटाई से परेशान होकर शहर छोड़कर भाग जाता है. सालों तक परिवार उसे तलाशता है लेकिन वह नहीं मिलता लेकिन 6 साल के लंबे अंतराल के बाद वही बेटा मुंबई में बड़ा आदमी बन जाता है. दर-दर की ठोकरे खा चुके माता-पिता को जब अपना बेटा बड़ा आदमी बनकर मिलता है तो पूरा परिवार गले लगकर बहुत रोता है. ये कहानी है ग्वालियर के हजीरा के रहने वाले आशु राजपूत की.

उसकी दिलचस्पी पढ़ने में नहीं थी. माता-पिता पढ़ने के लिए दबाव बनाते थे, ट्यूशन जाने के लिए कहते थे, तो तरह-तरह के बहाने बनाने लगता था. इन्हीं बहानों की वजह से पिता अक्सर पिटाई किया करते थे. पिता की पिटाई से नाराज होकर दसवीं का वह छात्र घर छोड़कर चला गया, लेकिन 6 साल बाद जब पुलिस ने उस नाबालिग को ढूंढा तो वह मुंबई में बड़ा आदमी बन चुका था.

किसी फिल्म की तरह यह कहानी ग्वालियर के हजीरा इलाके में रहने वाले आशु राजपूत की है, जो 6 साल पहले अपना घर छोड़कर भाग गया था. इस कहानी की शुरुआत साल 2018 में हुई, जब आशु राजपूत 10वीं का छात्र हुआ करता था. आशु का मन पढ़ाई में नहीं लगता था और इस वजह से घर में उसे डांट के साथ पिटाई भी पड़ती थी. आशु के माता-पिता उसे ट्यूशन जाने के लिए कहते तो वह पढ़ाई से बचने के तरीके ढूंढता था. इसी बात से आशु के पिता महेंद्र हमेशा उससे नाराज रहते थे और अक्सर आशु की पिटाई कर देते थे.

आशु के गायब होने पर पुलिस ने रखा था दस हजार का ईनाम

अपने पिता द्वारा बार-बार पीटे जाने से आशु इतना नाराज हो गया कि सितंबर 2018 में वह घर छोड़कर चला गया. आशु के मां-बाप ने आशु को अपने स्तर पर तलाश किया, जब कहीं सुराग नहीं मिला तो हजीरा थाने में आशु की गुमशुदगी भी दर्ज कर दी. पुलिस ने भी अपने स्तर पर आशु की खोज शुरू की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. जिसके बाद आशु की सूचना देने वाले को 10000 रूपए देने की इनाम की घोषणा भी कर दी गई, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ.

ऑपरेशन मुस्कान ने ऐसे मिलवाया परिवार

पिछले दिनों ग्वालियर में ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस ने आशु की फाइल को एक बार फिर से खोला और आशु की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने जब आशु के आधार कार्ड पर किसी मोबाइल सिम के एक्टिव होने की जानकारी ली, तो पुलिस को मालूम चल गया कि आशु के आधार कार्ड पर एक सिम संचालित है. इसी सिम को ट्रेस करते हुए पुलिस मुंबई पहुंची तो हैरान रह गई, क्योंकि पुलिस को यहां आशु मिला तो जरूर लेकिन इस हाल में मिला कि पुलिस भी अचंभित रह गई. आशु यहां पर बड़ा आदमी बन चुका था. वह हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है.

आशु ने सुनाया, घर से भागकर वो कैसे बन गया बड़ा आदमी

पुलिस ने जब आशु से उसके 6 साल के सफर के बारे में पूछा तो आशु ने बताया कि घर से भागने के बाद वह सीधा कानपुर पहुंचा था. यहां तकरीबन 7 महीने तक उसने एक होटल में काम करके अपना गुजारा किया. इसके बाद कानपुर से वह नोएडा पहुंचा. यहां भी 4 महीने गुजारे फिर आशु मुंबई के लिए निकल गया.

मुंबई में उसने अपने कुछ दोस्त बनाए और इन दोस्तों ने आशु की मदद की. आशु ने यहां भी होटल और कॉल सेंटर में काम किया. काम से जो कमाई हुई, उस कमाई से उसने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएट हो जाने के बाद आशु ने यहां रियल एस्टेट की एक कंपनी ज्वाइन कर ली और अब आशु इसी रियल स्टेट की कंपनी में काम करके हर महीने दो से तीन लाख रुपए कमा रहा है. अंधेरी इलाके में रह रहे आशु का लाइफ़स्टाइल बदल चुका है और वह एक बड़ा आदमी बन चुका है.

आशु को लेकर पुलिस आई ग्वालियर

पुलिस आशु को लेकर मंगलवार को ग्वालियर पहुंची थी और इसके बाद आशु को उसके परिजनों से मिलवाया. आशु को देखकर परिजन खुशी के मारे रोने लगे. आशु की मां ने आशु को गले से लगाया और खुशी के आंसू छलक उठे. आशु ने अपनी मां को रोते हुए देखा तो आशु भी अपने आंसू नहीं रोक पाया. मां-बेटे का यह मिलन देखकर सभी की आंखें भीग गई. जो आशु घर से भागते वक्त नाबालिग था, वह आशु आज बालिग होने के साथ ही बड़ा आदमी भी बन गया है.

 

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