घटनामंदसौरमध्यप्रदेश

मन्दसौर के युवक के ट्रेन से कटकर अलग पड़े  दोनों पैर, पत्नी को फोन पर कहा, मैं पहले जैसा नहीं रहा, तुरंत आओ

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मंदसौर/ इंदौर। बेटे की जन्म प्रमाणपत्र में नाम ठीक कराने गया एक व्यक्ति ट्रेन की चपेट आ गया। हादसे में उसके दोनों पैर कटकर अलग हो गए। रात को हुए इस गंभीर हादसे के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और पत्नी को उसी अवस्था में फोन कर कहा कि ट्रेन से मेरे दोनों पैर कट गए हैं। मैं अब पहले जैसा नहीं रहा, तुम तुरंत आ जाओ। पत्नी जैसे-तैसे कार से रतलाम पहुंची। जैसे ही वह पति के सामने अस्पताल में पहुंची तो पति के दोनों पैर अलग देखकर बदहवास हो गई।
घायल का नाम आदिल (26) निवासी मंदसौर है। उसकी इंदौर में ही फलों की दुकान है। परिवार में पत्नी अफसाना, दो बेटे मो. हुसैन तथा हरेकल (3) है। बड़े बेटे का जन्म रतलाम में हुआ था, लेकिन उसकी जन्म प्रमाण पत्र में नाम गलत होने के कारण वह उसे ठीक कराने 29 मार्च को रतलाम पहुंचा था। उस दौरान देर होने से उसका काम नहीं हो सका तो 30 मार्च को अवकाश होने के कारण रतलाम में ही रुक गया। 31 मार्च को उसने काम पूरा करने के बाद पत्नी अफसाना को फोन लगाकर कहा कि मैं ट्रेन से मंदसौर के लिए रवाना हो गया हूं।

फिर रात करीब 9 बजे पत्नी के पास फोन आया कि ट्रेन हादसे में मेरे दोनों पैर अलग हो गए हैं और मैं घटनास्थल पर हूं। मौके पर पुलिसकर्मी भी थे तो अफसाना ने उनसे बात की तो उन्होंने रतलाम के सरकारी अस्पताल में आने को कहा। देर रात वह रतलाम पहुंची तो पति की हालत देख बदहवास हो गई। वहां से वह घायल पति को लेकर इंदौर आई और एमवाय अस्पताल पहुंची। यहां पहुंचते ही उसने सामाजिक कार्यकर्ता जय्यू जोशी को फोन से सूचना दी तो वे साथी सोनू सूद, पंकज कटारिया, प्रियांशु पांडे, करीम पठान, लक्की अजमेरा भी पहुंचे। अफसाना ने उन्हें सारा मामला तो बताया उसके पति को अस्पताल में एडमिट कराया।

घायल आदिल ने इतना बताया कि वह सूदखोरों से परेशान था। उसने 2 लाख रु. 2% की दर पर ब्याज पर लिए थे। अब सूदखोर 10% से वसूल कर उसे परेशान कर रहे हैं जबकि पत्नी अफसाना का कहना है कि वे काफी विकट परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। सास भी विक्षिप्त है जबकि हमारा छोटा बेटा हरेकल भी दिमाग से कमजोर है। कुछ साल पहले परिवार खाचरौद में रहता था। वहां कमाई का अच्छा जरिया नहीं था तो रिश्तेदारों ने मंदसौर में फलों की दुकान लगाने की बात कही तो वे मंदसौर आ गए और गृहस्थी चलने लगी।

अफसाना ने बताया कि छोटे बेटे के लिए डॉक्टरों उसके ट्रीटमेंट कराने की बात कही तो पति मंदसौर में उसके लिए रुपए जुटा रहे थे जबकि बड़े बेटे को स्कूल में एडमिशन कराना था। पति ट्रेन की चपेट में कैसे आए अफसाना को इसकी जानकारी नहीं है। उधर, घायल आदिल की स्थिति यह है कि उसके दोनों पैर घुटने से अलग हो चुके हैं। अभी वह ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं है लेकिन हालत में पहले से सुधार है। जीआरपी रतलाम मामले की जांच कर रही है। सामाजिक कार्यकर्ता जय्यू जोशी व करीम पठान ने अफसाना की विक्षिप्त सास को मेंटल हॉस्पिटल में एडमिट कराया है जहां उनका इलाज चल रहा है।

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