मंदसौरमंदसौर जिला
गायत्री परिवार द्वारा ने चौबीस मगरा गौधाम पर किया श्रमदान व पौधारोपण

जिस गौवंश की हम पूजा करते है वही आज संकट में है
मन्दसौर। गायत्री परिवार के श्रमदानियों ने गौधाम संजीत मगरा पर करीब 3 घण्टे श्रमदान कर वहां साफ-सफाई तथा पौधारोपण किया। इस दौरान गौशाला मंे गायों को एक ट्राली हरे चारे व गुड़ का आहार भी कराया और गौमाता का आशीर्वाद लिया।
गौशााल प्रभारी बाबूलाल पाटीदार ने कहा कि पहले किसान गाय और बैल को अपने घर का सदस्य समझता था और उनकी पूजा करता था लेकिन आज वही गौवंश संकट में है। कई बार देखा जाता है कि किसान गाय व बैल उपयोग नहीं होने और बुढ़ा होने पर भटकने हेतु छोड़ देता है। जो भूखी प्यासी सड़कों पर विचरती रहती है। तुर्की देश जहां की जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो गई थी तथा भूमियां बंजर होती जा रही थी। वहां के वैज्ञानिकां ने शोध किया और गाय के गौबर को खेतों में डाला तो वहां पैदावार बढ़ गई। आज भारत से तुर्की देश गौबर भेजा जा रहा है लेकिन अपने देश में हम देशी गायों का महत्व नहीं समझ रहे है। जबकि विदेशों में हमारे देश की गायों का महत्व समझने लगे है।
महेश मोदी ने कहा कि गौमाता का संरक्षण ही सबसे पुण्य कार्य है। हमारी सरकारों को भी गौशाला पर विशेष ध्यान देना चाहिये। सर्वे कराना चाहिये और गौशालाओं की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
समाजसेवी दिनेश पोरवाल ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि गायों की सेवा करने से माता-पिता की सेवा करने के समान पुण्य मिलता है। निरंजन रत्नावत ने कहा कि प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है हमारा भी कर्तव्य है कि प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाये।
योगेशसिंह सोम ने कहा कि साल में कम से कम एक बार जरूर गौशाला में जाकर गायों की सेवा करने का संकल्प ले। सफाई करना, पौधे लगाना गायत्री परिवार के स्वच्छता अभियान का हिस्सा है जिस पर हम निरंतर काम कर रहे है। गायत्री परिवार 2003 से नगर के हर्बल गार्डन में ‘ निःशुल्क गो नीर’ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है जिसे कैंसर, कब्ज के रोगी तक प्रतिदिन लाभ ले रहे है । गायत्री परिवार गायों के प्रति सेवा के भाव लगाने का कार्य कर रहा है।
गौशाला प्रभारी जो आठ साल से अपनी सेवा गौशाला में दे रहे है उन्होंने गौशाला के बारे में जानकारी दी।
श्रमदान एवं पौधारोपण अवसर पर महेश मोदी, ब्रजेश परासिया, रमेश सोनी, मांगीलाल लक्षकार, दिनेश पोरवाल, निरंजन रत्नावत, योगेशसिंह सोम, अनिल गुप्ता, अशोक धनोतिया, बालाराम दंडिंग, भगवानदास लालवानी, सोहनलाल कोठारी एडवोकेट, गोपाल पंसारी, मांगीलाल पोरवाल, निर्मल रत्नावत, जगदीश, अनिल भावसार, दिलीप जैन एलआईसी, राजेन्द्र जैन, विजय श्रीमाल, ताहिर भाई, दिनेश पोरवाल, योगेशसिंह सोम ने अपनी सेवाएं दी।
गौशााल प्रभारी बाबूलाल पाटीदार ने कहा कि पहले किसान गाय और बैल को अपने घर का सदस्य समझता था और उनकी पूजा करता था लेकिन आज वही गौवंश संकट में है। कई बार देखा जाता है कि किसान गाय व बैल उपयोग नहीं होने और बुढ़ा होने पर भटकने हेतु छोड़ देता है। जो भूखी प्यासी सड़कों पर विचरती रहती है। तुर्की देश जहां की जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो गई थी तथा भूमियां बंजर होती जा रही थी। वहां के वैज्ञानिकां ने शोध किया और गाय के गौबर को खेतों में डाला तो वहां पैदावार बढ़ गई। आज भारत से तुर्की देश गौबर भेजा जा रहा है लेकिन अपने देश में हम देशी गायों का महत्व नहीं समझ रहे है। जबकि विदेशों में हमारे देश की गायों का महत्व समझने लगे है।
महेश मोदी ने कहा कि गौमाता का संरक्षण ही सबसे पुण्य कार्य है। हमारी सरकारों को भी गौशाला पर विशेष ध्यान देना चाहिये। सर्वे कराना चाहिये और गौशालाओं की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
समाजसेवी दिनेश पोरवाल ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि गायों की सेवा करने से माता-पिता की सेवा करने के समान पुण्य मिलता है। निरंजन रत्नावत ने कहा कि प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है हमारा भी कर्तव्य है कि प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाये।
योगेशसिंह सोम ने कहा कि साल में कम से कम एक बार जरूर गौशाला में जाकर गायों की सेवा करने का संकल्प ले। सफाई करना, पौधे लगाना गायत्री परिवार के स्वच्छता अभियान का हिस्सा है जिस पर हम निरंतर काम कर रहे है। गायत्री परिवार 2003 से नगर के हर्बल गार्डन में ‘ निःशुल्क गो नीर’ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है जिसे कैंसर, कब्ज के रोगी तक प्रतिदिन लाभ ले रहे है । गायत्री परिवार गायों के प्रति सेवा के भाव लगाने का कार्य कर रहा है।
गौशाला प्रभारी जो आठ साल से अपनी सेवा गौशाला में दे रहे है उन्होंने गौशाला के बारे में जानकारी दी।
श्रमदान एवं पौधारोपण अवसर पर महेश मोदी, ब्रजेश परासिया, रमेश सोनी, मांगीलाल लक्षकार, दिनेश पोरवाल, निरंजन रत्नावत, योगेशसिंह सोम, अनिल गुप्ता, अशोक धनोतिया, बालाराम दंडिंग, भगवानदास लालवानी, सोहनलाल कोठारी एडवोकेट, गोपाल पंसारी, मांगीलाल पोरवाल, निर्मल रत्नावत, जगदीश, अनिल भावसार, दिलीप जैन एलआईसी, राजेन्द्र जैन, विजय श्रीमाल, ताहिर भाई, दिनेश पोरवाल, योगेशसिंह सोम ने अपनी सेवाएं दी।