शामगढ़ शासकीय महाविद्यालय को मिले वित्तीय अधिकार, जल्द मॉडल कॉलेज का भी मिल सकता है दर्जा

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रिपोर्ट- ज़ाकिर अब्बासी
शामगढ़। मंदसौर जिला मुख्यालय के बाद जिले का सबसे बडे नगर शामगढ़ के शासकीय महाविद्यालय को वित्तीय अधिकार प्राप्त होने के आदेश वित्तीय विभाग ने जारी किये हैं ।जिसके तहत शासकीय महाविद्यालय शामगढ़ को आहरण संवितरण के अधिकार दिए गए हैं जिसमें शामगढ़ सहित अन्य दो महाविद्यालय शामिल हैं। वित्तीय अधिकार मिलने से शामगढ़, सुवासरा महाविद्यालय को अब मंदसौर पीजी कॉलेज पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांग पर क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग के प्रयासों से शामगढ़ शासकीय महाविद्यालय को मिले वित्तीय अधिकार। वित्त विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय को वित्तीय अधिकार देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं जिसके बाद शासन द्वारा चलाई जा रही छात्र हित योजनाओं का छात्र छात्राओं को समय पर लाभ मिल जाएगा। अभी तक छोटे-छोटे कार्यो एवं छात्र योजनाओं के लिए शासकीय महाविद्यालय शामगढ़ , सुवासरा को मंदसौर पीजी कॉलेज पर निर्भर रहना पड़ता था। जिला मुख्यालय से शामगढ़ सुवासरा की दूरी अधिक होने व वित्तीय अधिकार प्राप्त नहीं होने से छात्र। छात्रों को समय पर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता और शासन द्वारा जारी बजट समय सीमा में उपयोग नहीं होने पर राशि लैब्स हो जाया करती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
वही उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जल्द शामगढ़ शासकीय महाविद्यालय को सीएम राइस स्कूल की तर्ज पर मॉडल कॉलेज बनाने की भी योजना तैयार है क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग मॉडल कॉलेज हेतु प्रयासरत हैं । विधानसभा चुनाव से पहले जल्द यह सौगात उनके विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालय को मिल जाए । मॉडल कॉलेज बनने के बाद शासकीय महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इंफ्रास्ट्रक्चर, हॉस्टल, ई लाइब्रेरी, खेलकूद , सुविधाओं सहित कई प्रकार की उच्च कोटि की सुविधाएं प्रदान की जाएगी ।
मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने कई महाविद्यालयों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है मॉडल कॉलेजों में फैकेल्टी का विशेष ध्यान रखा जाएगा मॉडल कॉलेज बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार है। मॉडल कॉलेज बनने के बाद कॉलेज के छात्र छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एवं रिसर्च के लिए भी तैयार किया जाएगा जिसमें निश्चित तौर पर क्षेत्र के अंदर एक शिक्षा क्रांति आ जाएगी और आसपास के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी उच्च शिक्षा का राष्ट्रीय स्तर पर लाभ उठा सकें।