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ठाकुर शंभू सिंह तंवर किशनगढ़
ताल।काम ,क्रोध, मद ,और लोभ मन के विकार हैं। इन पर विजय प्राप्त की जा सकती है। इनको समाप्त नहीं किया जा है उक्त विचार सुश्री वर्षा नागर ने आरएमडी कॉलोनी ताल में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा यज्ञ में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से एकाकार हो जाना ही महारास है। सुश्री वर्षा नागर ने कहा कि यदि संतान के कारण मां-बाप दुखी है इससे बड़ा कोई और पाप नहीं हो सकता है ।उन्होंने कहा कि मां बाप की सेवा ही सच्चा धर्म है ,सच्चा तीर्थ है और सच्चा व्रत है। सुश्री नागर ने महिलाओं से भी भारतीय संस्कृति के अनुरूप कपड़े पहनने की अपील की ।उन्होंने कहा कि अनुशासन और प्रतिबंध में अंतर है। अनुशासन हमें अपनी मर्यादा में रखता है जबकि प्रतिबंध मर्यादाओं को तोड़ने के लिए विवश कर देते हैं । कथा में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह एवं फाग उत्सव भी मनाया गया जिसमें सभी ने होली के गुणों के साथ फूलों की होली खेली।
सोमवार को कथा का विश्राम होगा ।कथा विश्राम के बाद पूर्व नगरपालिका अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, शंकर लाल कमरिया, श्रीराम शर्मा, नंदलाल पटेल, ललित दुबे, अरुण दुबे, अशोक काला, लायनेस क्लब ताल की श्रीमती सरोज शर्मा, रेखा कुंवर सिसोदिया,प्रतिभा सोनी, लता धनोतिया, पोरवाल महिला मंडल आलोट के द्वारा सुश्री वर्षा नागर का सम्मान किया गया। समाजसेवी डॉ हीरालाल मौर्य ने कथा आयोजक श्री रींगस धाम मेला समिति के सदस्यों का सम्मान किया। सुश्री वर्षा नागर के आह्वान पर अंबे माता मंदिर में रविवार की शाम को सात बजे सैकड़ों महिलाओं ने अपने घर से पाँच दीपक लाकर भारत माता की आरती की ।साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। रामनाम का जाप भी किया।