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23 मार्च को नीमच में अफीम किसानों का सम्मेलन

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मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश, राजस्थान से किसान आएंगे

नीमच -अखिल भारतीय अफीम किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक मंडल सदस्य नरसिंह दास बैरागी भोपाल सिंह अमृत राम पाटीदार दिलीप पाटीदार मांगीलाल मेघवाल योगेंद्र जोशी महेश व्यास ,शैलेंद्र सिंह ने बताया कि अफीम किसानों की समस्याओं को लेकर एक सम्मेलन का आयोजन स्थानीय गांधी वाटिका, टाउन हॉल के समीप में दिनांक 23 मार्च को किया गया संयोजक मंडल द्वारा बताया गया कि भारत सरकार के केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजस्व विभाग द्वारा अफीम किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है एवं उनके उचित प्रतिनिधियों से बातचीत ना करके अन्य लोगों से बातचीत कर तमाम नीतियों का निर्धारण किया जाता है जिससे अफीम की खेती कर रहे किसानों को बहुत सारी मुश्किल आंतों का सामना करना पड़ता है साथ ही भारत सरकार द्वारा अफीम के क्षेत्र में नई लागू सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती कर रहे किसान संतुष्ट नहीं जैसा कि विदित है कि इस सेक्टर में अफीम प्रसंस्करण का कार्य प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया गया है इससे सीपीएस पद्धति से खेती कराने के संबंध में ठेका पद्धति एवं प्राइवेट कंपनियों से विदेश के तर्ज पर खेती कर आने की आशंका प्रबल हो गई है जिससे किसानों में असंतोष की स्थिति है खेती अफीम की हो या अन्य तमाम संसाधन महंगे होने की वजह से खेती करना महंगा हो गया है अफीम के मूल्य निर्धारण में उचित प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है किंतु सरकार का ध्यान इस और बिल्कुल नहीं है इसलिए इस इस सम्मेलन को आयोजित किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक अफीम किसान इस में सम्मिलित होकर अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा कर सके चाचा सम्मेलन में बातों को और इन समस्याओं को नई अफीम नीति बनने के पूर्व सरकार तक पहुंचाया जा सके जिसके सरकार के समक्ष सही स्थिति पहुंचे और उन्हें उचित निर्णय लेने में आसानी हो

सम्मेलन में अफीम किसानों की मांगों
1.1997-98 में काटे सभी अफीम पट्टे बहाली दूसरे शब्दों में अफीम खेती कर चुके सभी किसानों एवं अफीम की खेती करने के लिए इच्छुक नए किसानों को अफीम खेती करने के लाइसेंस दिया जाए। क्योंकि सरकार पोस्ता दाना टर्की से आयात करती है जिससे हमारे देश व किसान का आर्थिक नुकसान होता है। अफीम किसानों द्वारा उत्पादित पोस्ता दाना की कृषि उपज मंडियों में पोस्ता दाना की खरीदी एवं बिक्री सुनिश्चित की जाए।
2. सीपीएस पद्धति पर पुनः विचार किया जाए अधिकांश किसानों को परंपरागत तरीके से खेती करने हेतु लाइसेंस दिया जाए डोडा चूरा के संबंध में स्पष्ट नीति अपनाते हुए 8/29 झूठे के केस में फसाये गए किसानों को रिहा किया जाए ।
3. चिराई लुवाई से अफीम पैदा कर रहे उन सभी किसानों को अफीम का अंतरराष्ट्रीय मूल्य किसानों को दिया जाए और डोडा चूरा का 2000 प्रति किलोग्राम का मूल्य किसान को दिया जाए। उसके बाद सरकार डोडा चूरा की दवाई या अन्य उत्पाद सरकार वैज्ञानिक विधि से बनाने के लिए रिसर्च करें।
4. अफीम पॉलिसी का निर्धारण नेता और अधिकारीयों से नहीं किसान प्रतिनिधियों की सहभागिता से बनाई जाए।
5. अफीम एक औषधिय उत्पाद है जिसको निजी कंपनी के हाथ में जाने से हर हाल में रोका जाए। अफीम प्रोसेसिंग कार्य के लिए सरकार सरकारी क्षेत्र में नई अफीम फैक्ट्री नीमच और चित्तौड़गढ़ में स्थापित करके अंचल के लिए रोजगार पैदा करें। अफीम एवं सीपीएस प्रसंस्करण किसी भी स्थिति में निजी हाथों में नहीं दिया जाए। इस संबंध में प्रसंस्करण निजी हाथों में देने के लिए गए निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए लिखित आश्वस्त किया जाए की सीपीएस पद्धति किसी भी स्थिति में निजी कंपनियों को या ठेका पर कराने हेतु नहीं दी जाएगी। इत्यादि मांगो सहित अन्य मांगों के बारे में चर्चा की जाएगी एवं किसानों से सुझाव मांगे जाएंगे ।
संयोजक मंडल एवं विभिन्न अफीम किसानों के संगठनों के कालूराम पाटीदार गोपाल धाकड़ किशोर जवेरिया सीताराम प्रजापति तुलसीराम माली खूबचंद शर्मा पंकज नागदा मुकेश नागदा सुनील संतोष अहीर गोपाल टाइगर दशरथ सिंह भंवर सिंह नरसिंह डांगी
भंवरलाल झबड़ा भंवर लाल डांगी राधेश्याम गुजर रामचंद्र डांगी राजाराम जाट मुरली पाटीदार भेरू लाल जटिया अशोक धाकड़ ओकार लाल धाकड़ ओंकार लाल मेनारिया गोविंद पाटीदार शंकर लाल भील शंभू पाटीदार किशन लाल मीणा रामचंद्र पाटीदार, दौलत सिंह झाला, बाबूलाल पाटीदार इत्यादि अफीम किसानों ने क्षेत्र के अफीम की खेती करने वाले एवं अन्य किसान भाइयों से अपील की है कि 23 मार्च को दिन के ठीक 12:00 बजे गांधी वाटिका, टाउन हॉल के समीप में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का कष्ट करें एवं अपने परिवार के एक सदस्य को जरूर सम्मेलन में उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

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