पाकिस्तान सीमा पर लगाई जाएगी शिवाजी की मूर्ति, महाराष्ट्र से जाएगी छत्रपति के चरणों की मिट्टी

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दीपक शर्मा / जम्मू
अपने शौर्य से मुगल बादशाहों के छक्के छुड़ानेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराष्ट्र सहित पूरे देश का गौरव हैं। हिंदवी स्वराज के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज से देश दुनिया के वीर-योद्धा हमेशा प्रेरणा लेते रहे हैं। इसी को देखते हुए एक एनजीओ ‘आम्ही पुणेकर’ (वी पुणेकर) ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। बकौल एनजीओ, इसके पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मनों से लड़नेवाले सैनिक छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा पाकर उनके आदर्श और नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर सकें।
कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा पर केरन और तंगधार-टिटवाल सेक्टर में दो स्थानों पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मराठा रेजिमेंट द्वारा कश्मीर घाटी में तैनाती के दौरान जनवरी २०२२ में माछिल सेक्टर स्थित नियंत्रण रेखा के निकट गांव में छत्रपति शिवाजी महाराज की दो प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। इनमें से एक प्रतिमा को समुद्र तल से १४,८०० फीट की ऊंचाई पर एलओसी के पास स्थापित किया गया है। अब, पुणे स्थित गैर सरकारी संगठनों द्वारा दो और प्रतिमाओं को कश्मीर घाटी में स्थापित किया जाएगा।
‘महाराज’ के किलों की मिट्टी और पानी से होगा भूमि पूजन
कश्मीर में कुपवाड़ा के जिलाधिकारी डॉ. सागर दत्तात्रेय डोईफोडे ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दी गई है। ‘छत्रपति शिवाजी महाराज अटकेपर स्मारक समिति’ के प्रमुख अभयराज शिरोले और ‘वी पुणेकर’ एनजीओ के अध्यक्ष हेमंत जाधव ने एलओसी के निकट प्रतिमाओं को स्थापित करने का बीड़ा उठाया हैं। हेमंत जाधव ने बताया, ‘प्रतिमा स्थापना कार्य के लिए भूमि पूजन मार्च के अंत तक होगा। छत्रपति शिवाजी महाराज के पदचिह्नों से पवित्र हुए रायगढ़, तोरणा, शिवनेरी, राजगढ़ और प्रतापगढ़ किलों की मिट्टी और पानी को भूमि पूजन के लिए कश्मीर ले जाया जाएगा।’