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भीम आर्मी का प्रदर्शन,भोपाल में भीम आर्मी के आजाद बोले MP में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भेल दशहरा मैदान में भीम आर्मी का जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। सुबह सूर्योदय से पहले लोगों का आना शुरू हो गया था। दोपहर से पहले पूरा मैदान प्रदर्शनकारियों से भर गया था। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया कि अगला विधानसभा चुनाव अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के संगठन एक साथ मिल लड़ेंगे। मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री आदिवासी होगा। हमारा अगला कदम सत्ता के लिए होगा। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी। यह यात्रा का पहला चरण है। हर यात्रा के बाद दोगुने सैलाब के साथ आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MP में रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की, पिछली घोषणा की थी उज्जैन में 50 लाख रुपए की, क्यों नहीं दिए अब तक? इन घोषणाओं से पेट नहीं भरेगा, हम इनसे थक चुके हैं। हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। आगे का कदम सत्ता के लिए होगा। संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा। भाजपा हमें बुलाने आएगी और हम अपना मुख्यमंत्री बनाएंगे चंद्रशेखर ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक महीने में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दोबारा इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इतना बड़ा प्रदर्शन होगा कि हो सकता है- रैली के बाद मंच पर बैठे नेताओं को भाजपा ज्वाइन करवा लें। पहली बार प्रदेश में हम आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे। भोपाल मध्य प्रदेश के प्रदर्शन में भीम आर्मी की प्रमुख मांगे प्रदर्शनकारियों ने भोपाल के भेल दशहरा मैदान में रात 12 बजे से ही आना शुरू कर दिया था। सुबह सूर्योदय से पहले हजारों प्रदर्शनकारी मैदान में दिखाई दे रहे थे। ट्रैफिक पुलिस भोपाल ने रूट डायवर्ट किया हुआ है। भेल दशहरा मैदान का इलाका प्रदर्शन कारियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि 500000 प्रदर्शनकारी आएंगे, हालांकि मैदान की क्षमता इतनी नहीं है। भीम आर्मी आजाद समाज की मांगे सरकार से 52 प्रतिशत OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण क्यों, पूरा 52 प्रतिशत मिलना चाहिए। 2 अप्रैल 2018 के जो मुकदमे शेड्यूल ट्राइब पर हुए हैं, उसे वापस लें। स्कूल अथिति शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाना चाहिए। कोरोना काल में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए। निजीकरण के नाम पर सरकारी संस्थाओं को बेचने का काम बंद होना चाहिए। निजीकरण के सहारे आरक्षण को खत्म करने का खेल खत्म हो जाना चाहिए। पुलिस डिपार्टमेंट में वीकली ऑफ लागू किया जाए। पुरानी पेंशन लागू की जाए। किसी सफाई कर्मचारी की सीवर में जान जाती है, तो उसके परिवार को 1 करोड़ की राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।

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