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अध्यक्ष ललन सिंह के बयान के बाद ये लग रहा है कि 2 फरवरी का दिन उपेंद्र कुशवाहा के लिए निर्णायक हो सकता है. 

अध्यक्ष ललन सिंह के बयान के बाद ये लग रहा है कि 2 फरवरी का दिन उपेंद्र कुशवाहा के लिए निर्णायक हो सकता है. 

 

पटना :–

 

 

करीब दो साल पहले जेडीयू को मजबूत करने के लिए बुलाये गये उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से विदाई तय हो गयी है. नीतीश कुमार औऱ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज इसके साफ संकेत दे दिये. नीतीश ने कहा कि वे अपनी उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े मामले को नहीं देखते. उसके बाद ललन सिंह ने बयान दिया-उपेंद्र कुशवाहा खुद ही बतायें कि पार्टी में उन्होंने क्या योगदान दिया औऱ पार्टी में कितनी मजबूती से हैं. जेडीयू ने दो फरवरी को महात्मा फूले समता परिषद के बैनर तले होने वाले उपेंद्र कुशवाहा के कार्यक्रम पर रोक लगा दिया है. ललन सिंह ने ये साफ कर दिया कि उपेंद्र कुशवाहा किसी दूसरे सामाजिक संगठन के नाम पर कोई कार्यक्रम नहीं कर सकते.

नीतीश बोले-उपेंद्र कुशवाहा के मामलों को नहीं देखते

दरअसल रविवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया था कि जेडीयू के बड़े-बड़े नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. इसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे थे. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशवाहा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा- आप उन्हीं से इन सब बातों को पूछ लीजिए, इसका जवाब वही देंगे. हम लोग इन सब चीजों को देखते नहीं हैं. आप लोग उन्हीं से पूछिए और उन्हीं की बात को छापिए. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के दूसरे नंबर के नेता उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस लेने तक से इंकार कर दिया.

कुशवाहा के कार्यक्रम पर रोक 

उपेंद्र कुशवाहा ने 2 फरवरी को पूरे प्रदेश में महात्मा फूले समता परिषद के बनैर तले जगदेव प्रसाद की जयंती मनाने का फैसला लिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज साफ कर दिया कि उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के अलावा किसी दूसरे बैनर के तले कार्यक्रम नहीं कर सकते. ललन सिंह ने आज कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को काफी पहले बता दिया गया था कि वे कोई भी कार्यक्रम पार्टी के बैनर तले ही करेंगे और उसमें जेडीयू के लोग ही शामिल होंगे. यही पंरपरा रही है और उपेंद्र कुशवाहा को इसका पालन करना होगा.

इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा साफ कर चुके हैं कि वे हर हाल में दो फरवरी को कार्यक्रम करेंगे. हर जिले में महात्मा समता फूले परिषद के बैनर तले जगदेव प्रसाद की जयंती मनायी जायेगी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वे गैर राजनीतिक संगठन के बैनर तले कार्यक्रम कर रहे हैं. लेकिन जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह के बयान के बाद ये लग रहा है कि 2 फरवरी का दिन उपेंद्र कुशवाहा के लिए निर्णायक हो सकता है.

 

ललन सिंह ने दिये स्पष्ट संकेत

दरअसल नीतीश कुमार के बयान के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मीडिया के सामने आये. उन्होंने कहा कि ये उपेंद्र कुशवाहा को बताना चाहिये कि वे पार्टी में मजबूती से हैं या नहीं है. हम लोग तो जितने दिन वे रहे उतने दिन मजबूती के साथ उनके साथ खड़े रहे. उनकी हर समस्या का समाधान करते रहे. ललन सिंह ने ये भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को ये बताना चाहिये कि पार्टी को मजबूत करने में उन्होंने क्या योगदान दिया. ललन सिंह ने अपनी पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पर गंभीर सवाल खड़े किये.

कोई भाजपा के संपर्क में नहीं

ललन सिंह ने कहा कि ये कहना पूरी तरह से गलत है कि जेडीयू का कोई नेता भाजपा के संपर्क में है. जो भाजपा के संपर्क में थे वे पार्टी से विदा हो गये. अब पता नहीं कि उपेंद्र कुशवाहा किसके बारे में ये कह रहे हैं. ऐसी बात का कोई मतलब नहीं है.

जेडीयू कमजोर नहीं मजबूत हुई, उपेंद्र कुशवाहा ने क्या किया?

ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी ने पर्याप्त महत्व दिया. वे अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के लोगों को लेकर आये थे. उन्होंने अपने लोगों की जो भी सूची दी, उन सब लोगों को पार्टी में एडजस्ट किया. पार्टी के अंदर जो भी उनके लोग आये, उस बारे में उपेंद्र कुशवाहा ने मुझसे बात की थी. मैंने तुरंत अपनी पार्टी की बैठक बुला कर सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया औऱ कुशवाहा जी की समस्या का निराकरण किया.

ललन सिंह ने कहा कि अब वे कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हुई है. जेडीयू कमजोर नहीं मजबूत हुई है. जेडीयू ने इस दफे सबसे ज्यादा 75 लाख सदस्य बनाये. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि उनके लोगों को भी पार्टी की सदस्यता की रसीद दी जाये. वे बतायें कि उनके लोगों ने कितना सदस्य बनाया. पार्टी के लिए उपेंद्र कुशवाहा का क्या कंट्रीब्यूशन है ये बताना चाहिये.

 

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि जेडीयू कमजोर हो रही है. कुढ़नी का विधानसभा उप चुनाव हुआ तो वहां हमें 72 हजार वोट आये. वहां की हार की समीक्षा हमने की तो पता चला कि उम्मीदवार के कारण हारे. फिर जेडीयू कमजोर कैसे हो गया. हमें 72 हजार वोट मिले और यही पैमाना है पार्टी के कमजोर और मजबूत होने का. ललन सिंह ने कहा कि जेडीयू कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम नहीं है. हमारे कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं.

 

 

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