आध्यात्ममंदसौरमंदसौर जिला

जीवन में विपत्तियों को सहन करने की क्षमता लाओ-  आचार्य श्री  विजयराजजी म.सा.

 

मन्दसौर। जीवन में खुश रहने का एक ही फार्मूला है स्वयं भी खुश रहा और दूसरों को भी खुश रहने दो, दूसरों की खुशी में सहायक बनो, बाधक नहीं। जीवन में यदि किसी की मदद नहीं कर सको तो कोई बात नहीं लेकिन दूसरों को परेशान या दुखी करने का काम भी मत करे, यदि जीवन में हम दूसरे को दुख देते है तो हमें भी दुख ही मिलेगा। मानव जीवन में हम कर्म के सिद्धांत को समझे, यदि हम दूसरों को दुख देंगे तो सुख कैसे मिलेगा।
उक्त उद्गार प.पू. जैन आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. ने नवकार भवन शास्त्री कॉलोनी में आयोजित धर्मसभा में आयोजित धर्मसभा में कहे। आपने शनिवार को यहां आयोजित धर्मसभा में कहा कि कोई भी कर्म करते समय सावधान रहो, जो कर्म हम हंसते-हंसते करते है कई बार उन कर्मों का फल रोते-रोते भुगतना पड़ता है। यदि जीवन में दुख, तकलीफ या परेशानी आये तो दूसरों को दोष मत हो, यह समझो कि यह जो दुख है मेरे पूर्व कर्म का फल है।, इसलिये जो कर्म उदय में आये है उन्हें समभाव में रहते हुए सहन करो। आपने कहा कि जहां जीवन है वहां पल-पल चुनौतियां है। कभी खुशी है तो कभी गम है। जीवन में कभी भी दुख के क्षण आने पर विचलित नहीं होवे बल्कि चिंतन करे मनन करे। आपने कहा कि सहनशीलता का गुण जरूरी है। सहना ही जिंदगी है जीवन में छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित होना, क्रोध करना, दुख या शोक में रहना वीर पुरुषों एवं वीरांगना नारी को शोभा नहीं देता है। जो लोग सहन करना सीख जाते है वे हर परिस्थिति में खुश रहते हैं। आपने आचार्य श्री जवाहरलालजी म.सा. का वृतांत बताते हुए कहा कि अल्पायु में ही उनके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया। युवावस्था में आने के पूर्व ही निकट के रिश्तेदार भी स्वर्गवासी हो गये लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने संसार को असार जानकार संयम लिया और उसमें ऐसा पुरुषार्थ किया कि वे हुक्मगच्छीय आचार्यों, साधु-साध्वियों के प्रेरणास्त्रोत बन गये।
आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. ने कहा कि जब भी दुख के क्षण आये तो ईश्वर का ध्यान करे, आत्म अवलोकन करे और धर्म व सत्संग से जुड़े रहे। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चुनौतियां आती है जो लोग चुनौतियों का सामना कर लेते है वे जीवन में सफलता पा लेते है लेकिन कई लोग चुनौतियों से नहीं निपट पाते है और हताशा का जीवन जीने लगते है। जीवन में विपत्तियों का सहन करने की क्षमता पैदा करें। इसी में आपका जीवन सफलता की ओर बड़ेगा। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने आचार्य श्री की अमृतमयी वाणी का धर्मलाभ लिया।
प्रतिदिन हो रहे है प्रवचन- श्री साधुमार्गी शांतक्रांति जैन श्रावक संघ मंदसौर अध्यक्ष विमल पामेचा ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 9.15 से 10.45 बजे तक नवकार भवन शास्त्री कॉलोनी में आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के होली चातुर्मास के उपलक्ष्य में प्रवचन हो रहे है। धर्मालुजनों से श्रीसंघ विनती करता है कि सभी लोग आचार्यश्री की अमृतमयी वाणी का धर्मलाभ लेने हेतु प्रवचन में जरूर पधारे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}