सखा भक्ति के आचार्य अजुन और आत्म निवेदन भक्ति के आचार्य राजा बलि ओर गोपिकाएं रही-पूज्य आचार्य रामदयालजी महाराज

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नगर की अनेक सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं, मीडिया परिवार ने किया स्वागत, लिया आशीर्वाद, अभिनंदन पत्र हुआ भेंट
मन्दसौर। नवधा भक्ति प्रवचन माला श्रृंखला के षष्ठ दिवस शाहपुरा पीठाधीश्वर जगद्गुरू पूज्य आचार्य श्री रामदयालजी महाराज ने अर्जुन जो रिश्ते में अखिल ब्रह्माण्ड द्वारकाधीश भगवान कृष्ण का भाई होते हुए अंतर से भ्राता कृष्ण को हमेशा अपना स्वामी और जगत नियन्ता भगवान के रूप में आराधना की। अर्जुन के रोम-रोम में भगवान कृष्ण का नाम उच्चारित और मन में उनकी धु्रवी समायी रहती थी जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जब अर्जुन खो जाते थे तो उनके शरीर के रोम-रोम से श्री कृष्ण शरणम-मम की ध्वनी होती रहती थी।
महाभारत युद्ध में अर्जुन ने अपने पक्ष में अर्जुन सहित भाई और कुछ रिश्तेदार होते हुए दुर्योधन की तरह भगवान से उनकी विशाल सेना नहीं लेते निशस्त्र भगवान कृष्ण को मांगा।
मित्रता होना चाहिये दूध-पानी जैसी- सखा मित्रता का संबंध का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है दूध और पानी का। केवल शुद्ध दूध अकेले को जब उसको पानी से दूर रखा जाकर अग्नि पर चढ़ा दिया जाता है ताप की पीड़ा से घबराकर उफन कर बाहर निकलने लगता है परन्तु जैसे ही अपना सखा पानी दौड़कर उससे मिल जाता है वह शांत होकर नीचे बैठ जाता है।
भगवान होते हुए भगवान कृष्ण ने अर्जुन का सारथी बनकर महाभारत युद्ध में रथ हांका इतना हीं नहीं राजसूयज्ञ में अतिथियों की झूंठी पतले उठाई, भरी सभा में द्रोपदी की लाज बचाई। बनवास में पांडवों का साथ देते रहे, महाभारत युद्ध में विजय श्री दिलाकर धर्म राज्य की स्थापना कराई।
‘‘सखा’’ को उलटने पर खास हो जाता है। भिन्नता उससे ही करना चाहिये जो अपना खास हो और खास हमारा अपना यदि कोई है तो एक मात्र परमात्मा। हमारे अपने परिवार के लोग हमारे अपने कितने सगे है। यह कोरोना वायरस में सिद्ध हो गया। इसलिये यदि सखा मित्र ही बनना है और बनाना है तो अर्जुन की तरह भगवान के बनो और भगवान को बनाओं। तभी संसार के वर्तमान विषम प्रत्येक क्षेत्र में प्रदूषित वातावरण में सुखी रह सकेंगे।
आत्म निवेदन भक्ति- आत्म निवेदन भक्ति के श्रेष्ठ आचार्य प्रथम राजा बलि और दूसरी गोपिकाएं है। राजा बलि असुर-कुल का राजा होते हुए भगवान केा वामन रूप धारण करने पर मजबूर किया। भगवान का दान में 3 कदम धरती मांगने पर 2 कदम में धरती आकाश और तीसरा कदम अपने सिर पर रखवाने पर भगवान ने उसे पाताल का राजा बना दिया जहां भगवान को वरदान में उसके द्वार पर चौकीदारी करनी पड़ी। माता लक्ष्मी से रक्षा सूत्र बंधवाकर बहन बनाया। रक्षा सूत्र अपनी सनातन संस्कृति के प्रतीक है। चायना आदि विदेशी राखियां बांधकर हमें हमारे इस रक्षाबंधन सूत्र का अपमान नहीं करना चाहिये।
सामाजिक धार्मिक गीता भवन ट्रस्ट एवं अनेक संस्था प्रमुखों ने पूज्य आर्चा का एवं गीता भवन ट्रस्ट अध्यक्ष पू. रामनिवासजी महाराज का शाल, श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया।
आयोजन समिति अध्यक्ष प्रहलाद काबरा ने पशुपतिनाथ रजत प्रतिमा भेंट करी। अभिनंदन पत्र का वाचन समिति अध्यक्ष जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी और वरिष्ठ ट्रस्टी पूर्व सचिव एड. धीरेन्द्र त्रिवेदी ने किया। 4 जनवरी को नगरवासियों की ओर से भेंट किये गये अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ. रमेशचन्द्र त्रिवेदी ने किया था।
गीता भवन ट्रस्ट की ओर से स्वामी श्री रामदयालजी महाराज को अभिनंदन पत्र भेंट किया जिसमें ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी रामनिवासजी महाराज, संरक्षक नरेन्द्र नाहटा, उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी, सचिव अशोक त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष विनोद चौबे, वरिष्ठ ट्रस्टी धीरेन्द्र त्रिवेदी एड., बंशीलाल टांक, शेषनारायण माली, सत्यनारायण पलोड़ ने अभिनंदन पत्र भेंट किया। वाचन धीरेन्द्र त्रिवेदी ने किया। पत्रकारों की ओर से वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी, महावीर प्रकाश अग्रवाल, विक्रम विद्यार्थी, डॉ. घनश्याम बटवाल, अरविन्द संघवी, नरेन्द्र अग्रवाल, डॉ. प्रीतिपालसिंह राणा, मनीष पुराहित, सुरेश भावसार, शाहिद पठान, शंभूसेन राठौर, मनीष पुरोहित आदि ने अभिनंदन पत्र भेंट किया।
पोरवाल समाज के अनिल सेठिया, दिलीप सेठिया द्वारा नया व्यवसाय पश्री राधाकृष्ट इंवेट प्रारंभ किया जिसका श्री गणेश आचार्य श्री के करकमलों से सम्पन्न होगा।
पूज्य संतों का स्वागत कर आशीर्वाद लिया- पोरवाल समाज सुवासरा के पीरूलाल डबकरा, ओमप्रकाश पाटीदार गुराड़िया लालमुहां, कैलाशभाई पाटीदार, मीना पाटीदार, मुकेश पाटीदार, भारती पाटीदार, तुलसा खत्री, रजनीकांत शुक्ला, अमृता शुक्ला, उमा करंजिया, शकुंतला काबरा, श्री बालाजी मंदिर ट्रस्ट, अग्रवाल समाज, वेश्य महासम्मेलन, मारवाड़ी युवा मंच, शुभम साख संस्था,