रणायरा में विद्यालय भवन के अभाव में शिक्षा से वंचित नजर आ रहे हैं बच्चे,आने वाले समय देश का भविष्य कैसा होगा
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मंदसौर। (कमलेश शर्मा) मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की सरकार सड़कों का जाल बिछा रही है और जगह-जगह भूमि पूजन किया जा रहा है ताकि क्षेत्र के लोगों को करोड़ो की सौगात मिल सके इसके साथ ही और भी कई अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर दावा कर रही हैं लेकिन आने वाले समय में स्कूली छात्रों के भविष्य के बारे में शिक्षा को लेकर क्षेत्र में एक नई सौगात मिल सके लेकिन बच्चों के मामा कहने वाले शिवराज मामा का ध्यान फिलहाल इधर से भटका हुआ है मामा के भांजे व भांजीयो के लिए विद्यालय भवन नहीं होने पर पढ़ाई से वंचित होते जा रहे हैं आजादी के 75 साल बाद भी मंदसौर जिले में कुछ ऐसे स्कूल संचालित हो रहे हैं जहां बच्चों को पढ़ाई करने के लिए विद्यालय भवन बना हुआ नहीं है जिसके चलते बच्चे पढ़ाई करने के लिए स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे या अन्य स्कूलों में पढ़ाई करने पर मजबूर हो रहे हैं।यानी कि पढ़ाई के अभाव में शिक्षा से वंचित नजर आ रहे हैं ।
उच्च शिक्षा हेतु जब देश का भविष्य बच्चों कोही सही शिक्षा ही नहीं मिल रही हैं तो आने वाले समय में देश का भविष्य केसा होगा ऐसा ही एक स्कूल है मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील के अंतर्गत गांव रणायरा में जहां विगत 22 वर्षों से हाई स्कूल संचालित हो रहा है परंतु इसके बावजूद आज तक गांव में स्कूल भवन नहीं बना है आज भी हाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा अध्ययन हेतु माध्यमिक शाला में पढ़ने पर मजबूर है मंदसौर जिले में यह एक मात्र विद्यालय हैं जहां लगभग 200 बच्चे अध्ययनरत हैं जिसमें से 100 बच्चे 1 से लेकर दसवीं तक के बच्चे अध्ययनरत हैं तो वहीं 100 बच्चे हाईस्कूल के पढ़ाई कर रहे हैं इसके बावजूद अभी तक हाई स्कूल भवन नहीं बना ।
ग्राम केंद्र संयोजक विनोद पाटीदार, मंत्री मंडल युवा मोर्चा महेश पाटीदार, कमलदास बैरागी, भाजपा कार्यकर्ता अशोक पाटीदार सहीत ग्रामीणों ने बताया कि रणायरा, देवरी, पायाखेड़ी, भिल्याखेड़ी, कोटडा बहादुर गांवों सहित दूरदराज से बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं लेकिन हाई स्कूल भवन की बिल्डिंग नहीं बनने पर हाई स्कूल के बच्चे माध्यमिक शाला में पढ़ने को मजबूर हैं जिसको लेकर हमने जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग को भी अवगत करा चुके हैं परंतु समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।