नववर्ष में संस्थान द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा- निर्देशक डॉ भाटी
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रुकें कदम फिर बढ़े..….
सीतामऊ। विश्व विख्यात ऐतिहासिक संस्था श्री नटनगर शोध संस्थान की स्थापना महाराज कुमार डॉ रघुवीर सिंह ने 14 अगस्त 1974 में की थी जिसमें श्री रघुवीर लाइब्रेरी और अन्य स्थानों एवं व्यक्तियों से प्राप्त संग्रहों को सम्मिलित करें इतिहास जगत में बहुत बड़ी उपलब्धि प्रदान की। संस्थान से सीतामऊ नगर ही नहीं अपितु मंदसौर मध्य प्रदेश विश्व में गौरवान्वित हैं। मध्यप्रदेश की विशेष उल्लेखनीय संस्था से नटनगर शोध संस्थान में प्रतिवर्ष शोधार्थी अनुसंधानकर्ता देश -विदेश से आकर अपने शोध कार्य को पूरा करते हैं। साथ ही प्रति वर्ष राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाता हैं। जिसमें भारत के विभिन्न प्रांतों के इतिहासकार आते हैं । संस्थान के पूर्व अध्यक्ष महाराज कुमार डॉ रघुबीर सिंह, श्री कृष्ण सिंह राठौर और वर्तमान अध्यक्ष श्री पूरंजय सिंह राठौर के कार्यकाल में स्वर्गीय डॉक्टर मनोहर सिंह राणावत संस्थान के निर्देशक एवं सचिव पद पर पदासीन रह कर संस्थान के उत्तरोत्तर प्रगति में महत्ती भूमिका निभाई थी। जो आज वर्तमान स्वरूप में संस्थान निरंतर शोध कार्यों में प्रगतिशील है । दुर्भाग्यवश एक ऐसी अनहोनी घटना हुई जिसमें डॉ राणावत का निधन हो गया और विगत दिनों से संस्थान की प्रगतिशीलता में आए रुकावट ने संस्थान के कदम अवश्य रुके। किंतु शीघ्र ही संस्थान के अध्यक्ष श्री पूरंजय सिंह राठौर शीघ्रगामी प्रयासों से जोधपुर के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ विक्रम सिंह भाटी को संस्थान का निर्देशक नियुक्त कर संस्थान को प्रगतिशील का प्रदान की।
श्री नटनगर शोध संस्थान के नवनियुक्त निर्देशक डॉ विक्रम सिंह भाटी ने संस्कार दर्शन से भेंटवार्ता बताया कि संस्थान का पूर्व की तरह वर्तमान में भी नई ऊंचाइयों पर संस्थान को ले जाना है । साथ ही देश- विदेश के शोधार्थियों के शोध कार्य को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित संभावनाओं की ओर भी ध्यान देना आवश्यक है। शोध कार्य संस्थान द्वारा भी निरंतर किए जाएंगे और प्रतिवर्ष की तरह आने वाले नव वर्ष 2023 में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। संस्थान परिवार को आशा है कि पूर्व की तरह सीतामऊ निवासियों का सहयोग एवं स्नेह मिलता रहे।