तन मन से समर्पित राष्ट्रभक्त श्री संजय चौहान का महाकाल मुक्तिधाम पर भव्य स्वागत कर जन्मदिन मनाया
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महाकाल मुक्तिधाम प्रदेश में अपनी पहचान स्थापित करें इसके लिए हम निरंतर सेवा कार्य में लगे हुए हैं -श्री चौहान
सीतामऊ। केवल धन एकत्रित करना और अपना वैभव बढ़ा लेना ही सब कुछ नहीं होता है। जब तक व्यक्ति का व्यक्तित्व से समाज में सम्मान का भागीदार नहीं बना दे तब तक वह केवल एक चलता फिरता पुतले के समान है। कहते हैं कि जीवन जीना तो पशु पक्षी भी करते हैं पर वे प्रेम और सेवा भाव नहीं करते हैं प्रेम और सेवा भाव मनुष्य की मानवीयता में ही विद्यमान रहता है। जब मनुष्य की मानवीयता जागृत हो जाती हैं। तो उसका सेवा भाव समाज में सितारों की तरह चमकने लगता है और हर कोई उसके सम्मान के लिए खड़ा हो जाता है। प्रेम और सेवा भाव के मानवतावाद की ओर बढ़ रहे ऊर्जावान युवा संजय चौहान जिन्होंने राष्ट्र के प्रति तन मन से समर्पित भाव रखते हुए लक्ष्य एकेडमी के माध्यम से सैकड़ों छात्र-छात्राओं को पुलिस , सेना आदि में राष्ट्र के प्रति समर्पित छात्रों का कारवां निर्माण करने का कार्य किया है। ऐसे ही सिर्फ चौहान ने कोरोना काल में भी युवाओं की एक बड़ी टीम के साथ कोरोना महामारी से आम जनता को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ कार्य किया वही महाकाल मुक्तिधाम पर महाकाल मुक्तिधाम समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सचिव पद पर अपना दायित्व निभाते हुए विराट प्राकृतिक ऑक्सीजन प्लांट तथा महाकाल मुक्तिधाम परिसर की स्वच्छता और सुंदरता के कायाकल्प में भी सेवा का अपना योगदान दिया है ।
ऐसे ही युवा सेवाभावी शख्स जिनगर समाज अध्यक्ष खेल शिक्षक एवं महाकाल मुक्तिधाम समिति सचिव श्री संजय चौहान का जन्म दिवस के अवसर पर महाकाल मुक्तिधाम परिसर में महाकाल मुक्तिधाम समिति संरक्षक श्री हेमंत जैन ने महाकाल का दुपट्टा पहना कर अभिनंदन किया वही समिति अध्यक्ष मुकेश चौरड़िया महामंत्री लक्ष्मीनारायण मांदलिया मंत्री प्रदीप चौरड़िया सह सचिव प्रभु लाल राठौर मितांशु सोनी राधेश्याम ग्वाला सुनील धानक चिंटू जिनगर व्यवस्थापक मुन्नालाल टेलर आदि ने फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया।
इस अवसर पर श्री संजय चौहान ने कहा कि महाकाल मुक्तिधाम समिति मुझे एक परिवार की तरह लगने लगी है यदि समिति के सदस्य मिलने में कुछ दिन हो जाए तो कुछ अलग महसूस होने लगता है। महाकाल मुक्तिधाम में सेवा कार्य बाबा महाकाल के आशीर्वाद से निरंतर चल रहा है महाकाल मुक्तिधाम जिले में ही नहीं प्रदेश में अपनी पहचान स्थापित करें इसके लिए हम निरंतर सेवा कार्य में लगे हुए हैं । श्री चौहान ने कहा कि जीवन को आनंदमय बनाना है तो समाज के पास जाना पड़ेगा और समाज के दीन दुखियों की मदद के साथ ही भारत मां के आंचल को हम कैसे सुंदर बना सकें यह भाव हमें स्वयं तय करने पड़ेंगे। श्री चौहान ने कहा की “जीवन जीते तो पशु पक्षी भी है, पर जो कुछ कर गुजरते हैं उनका इतिहास बनता है और उन्हें हम सब याद करते हैं।”