मंदसौरमंदसौर जिला

गिजुभाई बधेका का मनाया जन्‍मदिन ,येक्षित त्रिवेदी ने किया पुस्‍तक का विमोचन

***”””””****†**************”””””””””*********””””””””**†****

 

मंदसौर। ‘’बाल देवो भव’’ मंत्र के उद्घोषक , बाल मंदिर शिक्षा प्रणाली के जनक, दिवास्वप्न पुस्तक के लेखक, बच्‍चों के मित्र, मूंछों वाली मां के नाम से प्रसिद्ध भारतीय शिक्षाशास्त्री गिजुभाई बधेका का जन्‍मदिन डाइट, मंदसौर में उत्साह से मनाया गया।

इस अवसर पर अतिथि के रूप में छह वर्षीय बाल देवता येक्षित त्रिवेदी एवं शासकीय संगीत महाविद्यालय मंदसौर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र त्रिवेदी ने कार्यक्रम में सहभागिता की

बाल देवता येक्षित त्रिवेदी ने डॉ. प्रमोद सेठिया प्राचार्य की पुस्तक ‘‘गिजुभाई बधेका संचयन‘‘ का विमोचन किया विशेष अतिथि श्री नरेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि गिजुभाई वर्तमान शैक्षिक व्यवस्था में प्रासंगिक है।गिजुभाई के विचारों का अनुसरण करके ही हम भयमुक्त वातावरण में खेल-खेल में आनन्ददायी बाल केन्द्रित शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।

डॉ. प्रमोद सेठिया ने बताया कि गिजुभाई की कार्यस्थली दक्षिणामूर्ति भावनगर रही है। उन्होने 1916 से 1939 तक बच्चों की शिक्षा के लिये कार्य किया। दो सौ से अधिक पुस्तकें लिखी। वे महात्मा गांधी के समकालीन थे। ‘‘दिवास्वप्न‘‘ नामक उपन्यास उनकी महत्वपूर्ण कृति है जिसने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में नवाचारी बदलाव लाया है।गिजूभाई बधेका पर डॉ. प्रमोद सेठिया की दूसरी किताब का विमोचन किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर गिजुभाई के शैक्षिक विचारों के प्रचार प्रसार एवं क्रियान्वयन के लिये डॉ. सेठिया सक्रियता से कार्य कर रहे है।

डाइट के छात्राध्यापको एवं श्री प्रदीप पंजाबी,डॉ. अलका अग्रवाल,श्री आर.डी.जोशी डॉ. दिलीपसिंह राठौर ने गिजुभाई जन्मदिन कार्यक्रम में सहभागिता की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}