कार्रवाईमंदसौरमध्यप्रदेश

डिगावमाली में किसान कृषि बाजार के संचालक जैन द्वारा कालाबाजारी करने पर खिलाफ एफआईआर दर्ज 

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फर्म का संचालन नियमानुसार न कर की जा रही थी कालाबाजारी

मंदसौर । किसान से दुरभाष पर प्राप्त कालाबाजारी कि शिकायत के आधार पर फर्म किसान कृषि बाजार डिगावमाली का निरक्षण करने हेतु मौके पर पहुच कर पाया की दुकानदार द्वारा जानबुझकर कार्यवाही के डर से दुकान ताला लगा कर बंद की गई। दुकानदार मनोज जैन द्वारा फर्म का संचालन नियमानुसार नही करने तथा कालाबाजारी करने के कारण उनके विरुद्ध अफजलपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

कृषि कल्याण विभाग मंदसौर उपसंचालक श्री आनंद बडोनिया द्वारा बताया गया कि गांव डिगावमाली के निवासी दुकानदार मनोज जैन द्वारा फर्म का संचालन नियमानुसार नही करने तथा कालाबाजारी करने के कारण उनके विरुद्ध अफजलपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

आरोपी मनोज जैन पिता राजमल जैन उम्र 34 साल निवासी डिगावमाली प्रोपराईटर ( दुकानदार ) फर्म किसान कृषि बाजार के विरुध अपराध धारा उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 कि धारा 3 ( 3 ) , 5,8.35 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 ( 7 ) के तहत एफ आई आर दर्ज कि गई है।

गठित दल द्वारा 31 अक्टूबर को प्राप्त विडियो अखबार कटिंग तथा किसान से दुरभाष पर प्राप्त कालाबाजारी कि शिकायत के आधार पर फर्म किसान कृषि बाजार डिगावमाली का निरक्षण करने हेतु मौके पर पहुच कर पाया की दुकानदार द्वारा जानबुझकर कार्यवाही के डर से दुकान ताला लगा कर बंद की गई। जिसका मौके पर पंचनामा बनाकर दुकान सील किया गया था। जिसके सुचना दुकान पर चस्पा की गई। 07 नवंबर को उपसंचालक कृषि विभाग द्वारा उक्त फर्म को पंचनामा बनाकर दुकानदार श्री मनोज पिता राजमल जैन निवासी डिगावमाली तथा गवाहो की उपस्थिती में दुकान को खोला गया। तदपश्चात दल द्वारा समस्त रिकोर्ड एव स्टाक का भौतिक सत्यापन किया गया। सत्यापन मे पीओएस मशीन तथा भौतिक रुप से उपलब्ध वास्तविक स्टाक मे अन्तर पाया गया। साथ ही पीओएस मशीन के स्टाक के अतिरिक्त भी उर्वरक का भण्डारण पाया गया। निरीक्षण के दौरान प्रोपराईटर द्वारा बिल बूक उपलब्ध नही कराई गई तथा पंजीयन प्रमाण पत्र मे अनुमोदित स्त्रोत प्रमाण पत्र की वैधता अवधी समाप्त पाई गई।

पंचनामो, उपलब्ध विडीयो, पेपर कटिंग के आधार पर दुकानदार प्रो. मनोज जैन द्वारा फर्म का संचालन नियमानुसार नही किया जाकर कालाबाजारी करना पाया गया। उक्त कृत्य उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 कि धारा 3 ( 3 ) , 5,8 , 35 की किसी भी खण्ड या नियम का उल्लघन किया गया। प्रो. मनोज जैन के विरुध अपराध धारा उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 कि धारा 3 ( 3 ) , 5,8,35 तथा एकीकृत जाँच फार्म आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 ( 7 ) के आधार पर प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज कि गई।

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