समाज को सशक्त बनाने में ज्योतिबाफुले का किरदार अहम रहा है – अनिल शर्मा
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मल्हारगढ़ । ज्योतिबाफुले बहुत बुद्धिमान थे मराठी में अध्ययन किया।वे महान क्रांतिकारी भारतीय विचारक, समाजसेवी,लेखक एवं दार्शनिक थे।1840 में ज्योतिबाफुले का विवाह सावित्रीबाई फुले से हुवा था ।
उक्त विचार मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने गुरुवार को मंडलम कांग्रेस द्वारा आयोजित ज्योतिबाफुले की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में धार्मिक सुधार आंदोलन जोरो पर था जातिप्रथा का विरोध करने और एकेश्वरवाद को अमल में लाने के लिए “प्रार्थना समाज’की स्थापना कीगई थी जिसके प्रमुख गोविंद रानाडे ओर आरजी भंडारकर थे उस समय महाराष्ट्र में जाति प्रथा बड़े ही विभत्स रूप में फैली हुई थीं।
शर्मा ने कहा कि स्त्रियों की शिक्षा को लेकर लोग उदासीन थे,ऐसे में ज्योतिबाफुले ने समाज को इन कुरुतियों से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाये।उन्होंने महाराष्ट्र में सर्वप्रथम महिला शिक्षा तथा अछूतोद्धार का काम आरम्भ किया था।उन्होंने पुणे में लड़कियों के लिए भारत का पहली विधालय खोला लड़कियों और दलितों के लिए पहली पाठशाला खोलने का श्रेय ज्योतिबा कि दिया जाता है।
शर्मा ने कहा कि ज्योतिबाफुले की मृत्यु 28 नवम्बर 1890 को पुणे में हुई इस महान समाजसेवी ने अछूतोद्धार के लिए सत्यसोधक समाज स्थापित किया था।उनका यह भाव देखकर 1888 में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई थी।देश मे छुआछूत खत्म करने और समाज को सशक्त बनाने में ज्योतिबाफुले का किरदार अहम था।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के सह सचिव मुकेश निडर,जिला कांग्रेस के महामंत्री अनिल बोराना,सचिव भूपेंद्र महावर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
प्रारम्भ में उपस्तिथ कांग्रेसजनों ने ज्योतिबाफुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया,अंत मे दो मिनिट का मोन रखकर फुलेबा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा,प्रदेश कांग्रेस के सह सचिव मुकेश निडर,जिला कांग्रेस के महामन्त्री अनिल बोराना,सचिव भूपेंद्र महावर,नगर कांग्रेस अध्यक्ष रामप्रसाद फरक्या,कांग्रेस नेता प्रकाश राठौर,ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष अनिल मुलासिया,मंडलम अध्यक्ष किशोर उणियारा, दिनेश गुप्ता काचरिया,सेक्टर अध्यक्ष अनिल गुर्जर,भेरूलाल पप्पू गुर्जर,पंकज बोराना,भंवर राठौर,गोपाल राठौर,जानकीलाल टेलर आदि मौजूद थे।