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विभिषण निकला राकेश अरोरा, हत्या की साजिश में राजकुमार अहीर सहित एक दर्जन लोग शामिल,समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर हमले में कई खुलासें,

 

प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर हमले में कई खुलासें, राजकुमार अहीर, ट्रांसपोर्टर धनसिंह वर्मा उर्फ धन चाचा, लाला चौधरी, दिल्ली का कॉलोनाजइर त्रिलोक सेन सहित कई लोगों का हाथ आया सामने, पुलिस जांच में जुटी

नीमच (डॉ. बबलु चौधरी)-प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा (गंगानगर) पर बीते दिनों हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस पूरी गैंग का खात्मा करने में जुटी हुई है। उज्जैन रेंज के आईजी संतोषकुमार सिंह, रतलाम रेंज के डीआईजी मनोजकुमार सिंह के निर्देशन में नीमच पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी द्वारा गोलीकांड में जुडे हुए सभी लोगों को ट्रेस कर उन्हें गिरफ्तार करने का सिलसिला जारी है। कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी रिमांड पर है, वह कई राज उगल रहा है। इंदौर सहित अन्य जगहों के शार्प शूटरों को करोडों रूपए की सुपारी दी थी, हालांकि सुपारी की राशि के सही आंकडे का पता लगाने में पुलिस क्रॉस चेक कर रही है। बाबू सिंधी के साथी विभिषण राकेश अरोरा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा की हत्या की साजिश में विभिषण राकेश अरोरा का भी अहम रोल था। इसके अलावा इस गोलीकांड में एक दर्जन लोग शामिल है। जिनकी तलाश और पूछताछ में पुलिस जुटी हुई है।
कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी की तरह ही डॉन बनने की लालसा विभिषण राकेश अरोरा में भी थी। आरोपी राकेश अरोरा ने सगे भाई प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर को ही मौत के घाट उतारने का प्लॉन लिया। पुलिस ने आरोपी राकेश अरोरा को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। आरोपी राकेश अरोरा के पास 100 करोड से अधिक की ब्लैकमनी है, जो कि तस्करी तथा अवैध गतिविधियों से अर्जित पैसा था। इसी ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में तब्दिल करने का काम नीमच के ही दो मंडी के व्यापारियों के जिम्मे था। विभिषण राकेश अरोरा की सभी ब्लैक मनी को बीते कई सालों से व्हाईट मनी में तब्दिल करने का काम करते आ रहे थे। विभिषण की भूमिका में राकेश अरोरा ने प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर की हत्या करने की साजिश में एक नहीं बल्कि कई लोग शामिल थे। जैसे—जैसे आरोपी पकड में आ रहे है, वैसे—वैसे खुलासा हो रहा है। डॉन बनने के लिए कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी और राकेश अरोरा ने पूरा षडयंत्र रचा। कुछ दिनों पहले जिस फार्म हाउस पर पुलिस ने बुलडोजर चलाया, उस फार्म हाउस पर मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में ट्रांसपोर्टर धनसिंह वर्मा उर्फ धन चाचा ने सभी एक बुलाया। जिसमें कांग्रेस से निष्कासित हुए राजकुमार अहीर, लाला चौधरी, आरोपी राकेश अरोरा, बाबू सिंधी, दिल्ली का कॉलोनाइजर त्रिलोक सेन, लाला चौधरी, संजय बैगानी, अनिल नाहटा, विनोद गुर्जर झालरी, शिवचरण गुर्जर झालरी और शार्पशूटर शामिल हुए। बैठक में समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर की हत्या किए जाने का प्लॉन तैयार किया गया। शूटरों ने बीती 4 फरवरी को श्री अरोरा पर लायंस पार्क के पास हमला कर दिया, पर लाखों लोगों की दुआओं के कारण अशोक अरोरा बच गए, वहीं शातिर बदमाश शूटर बाबू फकीर मौके पर ढेर हो गया। गैंग में शामिल लोगों का प्लॉन चौपट होने के बाद उनके खलबली मची हुई है। कई भूमिगत हो गए है। कांग्रेस से निष्कासित हुए राजकुमार अहीर से पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली का कॉलोनाइजर चाहता था 1100 बीघा में कॉलोनी काटना, लोगों की जमीन छिनने में अशोक अरोरा आडे न आए, इसलिए वह भी शामिल हो गया
दिल्ली का कॉलोनाइजर त्रिलोक सेन बीते कुछ सालों से नीमच—मंदसौर जिले में सक्रिय है। त्रिलोक सेन की गोकुलधाम बिल्डोम प्रायवेट लिमिटेड कंपनी है। जिसने मंदसौर में गोकुल सिटी और चौथखेडा नीमच फोरलेन के पास केशव सिटी कॉलोनी काटी, इन दोनों जगह हजारों लोगों के साथ धोखाधडी की गई, लोगो को सपने दिखाकर करोडों रूपए ऐंठ लिए। मनासा रोड बोरखेडी के पास आरोपी राकेश अरोरा की पुत्री के नाम पर भी छह बीघा जमीन है, इसी के पास में त्रिलोक सेन ने बीते साल कॉलोनी काटने के लिए जमीन खरीदी। त्रिलोक सेन और राकेश अरोरा दोनों की दोस्ती हुई और इसके बाद में बाबू सिंधी से मिलाया गया। त्रिलोक सेन आस—पास के इलाकों से 1100 बीघा जमीन पर कॉलोनी काटने की योजना में है, इसमें जो भी किसानों की जमीन पास में आएगी, उनसे छिनने का प्लॉन था। त्रिलोक सेन को डर था कि कहीं अशोक अरोरा आडे न आ जाए, इसलिए राकेश अरोरा और बाबू सिंधी सहित अन्य लोगों के गिरोह में शामिल हो गया।
धनसिह वर्मा और विनोद गुर्जर तथा शिवचरण गुर्जर ने बाबू का काम संभाला— सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीएन की कार्रवाई के बाद जब बाबू सिंधी जेल चला गया था तो बाबू का काम धनसिंह वर्मा निवासी नीमच, विनोद गुर्जर, शिवचरण गुर्जर निवासी झालरी ने देखा। बाबू से भी ये भैरवगढ— भोपाल जेल मे मुलाकात करते रहे। जब बाबू सिंधी ने उसके जन्म दिवस पर बंदूक से केक काटा था, तब धनसिंह वर्मा को बेटा मोनू वर्मा भी साथ था। एक अन्य बेटा सोनू वर्मा कृषि उपज जिंस की आड में बाबू मादक पदार्थ बाहर भेजने का काम करता था वहीं वाहन भी इन्हीं के ट्रांसपोर्ट के रहते थे। बाबू सिंधी से धन चाचा और उसके बेटे सोनू, मोनू और पोनू वर्मा जुडे हुए थे। बताया जाता है कि हथियार भी धन चाचा के घर पर रखे हुए थे। विनोद गुर्जर और शिवचरण गुर्जर के यहां भी पैरोल के दौरान बाबू सिंधी गया था। खबर यहां तक है कि भाजपा नेता जगदीश गुर्जर के मकान बनाने में बाबू सिंधी ने मौटी रकम दी थी। पुलिस इन सभी के बैंक खातें और मोबाइल कॉल डिटेल्स, टॉवर लोकेशन की जांच पडताल के साथ बीते कुछ सालों के दौरान खरीदी हुई प्रापर्टी के बारे में जानकारी जुटा रही है।
दुश्मन का दुश्मन दोस्त… वाली कहावत हकीकत में बदली— कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी तो शहर में डॉन बनने के सपने देख रहा था, जेल से पैरोल पर आया तो धनसिंह उर्फ धनचाचा ने समाजसेवी श्री अरोरा के जितने भी लोग खिलाफ है, उन्हें एकत्रित किया। इसमें दिल्ली का कॉलोनाइजर त्रिलोक सेन, धनसिंह वर्मा और उसके बेटे मोनू, सोनू और पोनू वर्मा, विभिषण राकेश अरोरा, लाला चौधरी, राजकुमार अहीर, शिवचरण गुर्जर, विनोद गुर्जर सहित एक दर्जन लोगों को साथ में बैठाया। दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली कहावत इस मामले में हकीकत में बदली। इस गोलीकांड में एक दर्जन लोग शामिल है, कई के नाम ट्रेस हो गए है, बाकी के नाम ट्रेस होना बाकी है। पुलिस ने इन सभी लोगों की बीते दो माह की गतिविधियां निकाली( बाबू जेल से बाहर आया तब की) तो एक—दूसरे के जबरदस्त कनेक्शन सामने आए।

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