छिंदवाड़ामध्यप्रदेश

मर्डर के आरोप में जेल काट रहे थे पिता और भाई वह जिंदा निकली , 9 साल बाद वो वापस लौटी आई,अब पुलिस पर चलेगा मुकदमा

 

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले से एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने कानून को खुद कटघरे में खड़ा कर दिया है। यहां एक महिला के कत्ल के आरोप में उसके पिता और भाई पर मामला दर्ज किया गया और दोनों को जेल भेज दिया गया था, लेकिन जिसकी हत्या के जुर्म में वे सजा काट रहे थे अचानक वह जिंदा लौट आई

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, अमरवाड़ा के जोपनाला गांव की रहने वाली कंचन उईके 2014 में अचानक घर से लापता हो गई थी इसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस में की तो उल्टा पुलिस ने परिजनों को डरा धमकाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी हद तो तब हो गई जब पुलिस ने बिना ठीक से जांच किए परिजनों पर ही महिला की हत्या का मामला बना दिया इसके लिए पुलिस ने गांव में खुदाई भी करवाई और उसमें मिले एक कंकाल को कंचन ऊइके का बताकर उसके पिता और भाई के जेल भेज दिया।

9 साल बाद जिंदा लौटी कंचन

इस मामले में पुलिस के पैरों तले तब जमीन खिसक गई, जब कंचन के पिता और भाई जेल की सलाखों के पीछे थे और अचानक 9 साल बाद वह अपने घर लौट आई कंचन ने बताया कि वह अपने एक साथी के साथ घर से गुस्सा होकर चली गई थी और सालों तक बाहर ही रही, जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो पुलिस ने उसकी डीएनए जांच कराई और वह सच में कंचन ऊइके निकली इसके बाद न्यायालय ने गलत आरोप में सजा काट रहे पिता और भाई को निर्दोष करार दिया है।

अब पुलिस पर चलेगा मुकदमा

पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रहे वकील सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि जिसकी मौत के आरोप में पिता और भाई को जेल में बंद किया गया था, उसके लौटने के बाद रिहाई के लिए केस चलाया गया न्यायालय ने इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों को दोषी मानते हुए उन पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और पिता और पुत्र को बरी कर दिया है। इसके साथ ही जिस कंकाल के आधार पर पुलिस ने पिता-पुत्र को आरोपी बनाया था, वो कंकाल किसका है, यह सिद्ध करना पुलिस के लिए नया सिर दर्द बन गया है।

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