निर्माणाधीन अंडर ब्रिज पर 20 की जगह 100 की रफ्तार से दौड़ाई मालगाड़ी, चालक-गार्ड निलंबित, चौमहला की घटना
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कोटा/शामगढ़- कोटा-नागदा रेलखंड स्थित चौमहला स्टेशन के पास बुधवार को निर्माणाधीन अंडर ब्रिज पर सतर्कता आदेश (काॅशन ऑर्डर ) का उल्लंघन एक मालगाड़ी तेज रफ्तार से निकल गई। गनिमत रही की बड़ी दुर्घटना सामने नहीं आई। मामले में रेलवे द्वारा दोनों चालकों और गार्ड के निलंबित की जानकारी सामने आ रही है। प्रशासन मामले की जांच में जुटा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 4 बजे की है। रतलाम की तरफ से आ रही एक कंटेनर मालगाड़ी सतर्कता आदेश की अनदेखी करते हुए निर्माणाधीन अंडर ब्रिज से 20 की जगह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकल गई। गलती का एहसास होते ही चालक ने मालगाड़ी को रोक लिया।लेकिन तब तक मालगाड़ी अंडर ब्रिज को पार कर काफी आगे तक निकल आई थी।
मचा हड़कंप
मामले की सूचना मिलते ही कोटा मंडल अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मालगाड़ी को शामगढ़ तक लाने के आदेश दिए गए। शामगढ़ में दोनों चालकों को ड्यूटी से उतार लिया गया। इसके बाद दूसरे चालक दल को मालगाड़ी लेकर कोटा की तरफ रवाना किया गया।
इसके बाद कोटा से गए अधिकारियों द्वारा शामगढ़ में चालकों के बयान दर्ज किए गए। बयान लेने के बाद अधिकारियों ने चौमहला पहुंचकर अंडर ब्रिज को भी देखा। इस दौरान दोनों चालकों को कोटा भेज दिया गया। यहां पर भी अधिकारियों ने मामले को लेकर चालकों से पूछताछ की।
रतलाम के हैं चालक
सूत्रों ने बताया कि यह दोनों चालक रतलाम के बताई जा रहे हैं। मामले की जानकारी मिलने पर रतलाम मंडल द्वारा दोनों चालकों और गार्ड को निलंबित कर दिया गया। हालांकि गार्ड का कहना है कि उसने प्रेशर ड्रॉप कर और चालकों को चेता कर मालगाड़ी रोकने की कोशिश की लेकिन रफ्तार अधिक होने से मालगाड़ी अंडर ब्रिज को पार कर गई।
बड़ी घटना टली
गनीमत रही की बड़ी दुर्घटना टल गई। अन्यथा पूरी मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी। पटरियों के आसपास रिहायशी एरिया होने जान माल का काफी नुकसान हो सकता था।
सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना से बचाना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेज रफ्तार मालगाड़ी से अंडर ब्रिज की गार्डर और पटरियां अपनी जगह से हिल गई थीं। बाद में करीब 3 घंटे का ब्लॉक लेकर यहां मरम्मत कार्य किया गया।
5 दिन में दूसरी घटना
सूत्रों ने बताया कि यह 5 दिन में दूसरी घटना है। इससे पहले 20 जनवरी को भी एक मालगाड़ी इसी तरह तेज रफ्तार से अंडर ब्रिज गुजर गई थी। गनीमत रही कि यह मालगाड़ी भी गिरने से बाल-बाल बच गई थी। इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है।
एक दिन पहले ही डाले हैं बॉक्स
उल्लेखनीय है कि इस अंडर ब्रिज के लिए एक दिन पहले मंगलवार को ही सीमेंट कंक्रीट के बॉक्स डाले गए हैं। इसके ऊपर लोहे की गार्डर और रेल पटरियां बिछाई गई थीं। रात हो जाने के चलते इन पटरियों की ठीक से पैकिंग भी नहीं की गई थी।
इसके चलते यहां पर 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को निकालने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन इन आदेशों की अनदेखी करते हुए चालक ट्रेन को 20 की जगह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ा ले गया।