पत्रकारिता समाज हित में होनी चाहिए स्वयं हित में नहीं
जो सेवा कों व्यापार समझते है वो पत्रकार नहीं हो सकते - श्री चौधरी
नीमच
डॉ. बबलु चौधरी
प्रेस क्लब जिला नीमच के गठन के साथ ही पत्रकारिता को लेकर सुचिता के पैमाने पर कई महत्वपूर्ण फैसले लेने की आवश्यकता है। समाज में पत्रकारिता लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जानी जाती है, यह बहुत आवश्यक है कि इस क्षेत्र से जुड़ा व्यक्ति अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हो। समाज को दिशा देने वाला पत्रकार कहीं भ्रष्टाचार के अंतरजाल में खुद ही ना उलझ जाये।
उक्त बाद प्रेस क्लब जिला नीमच के अध्यक्ष अजय चौधरी ने प्रेस नोट के माध्यम से कही। श्री चौधरी ने बताया कि पत्रकारिता समाज हित में होनी चाहिए स्वयं हित में नहीं, जो सेवा को व्यापार बना रहे हैं वे व्यापारी हो सकते हैं, पत्रकार नहीं।
पत्रकारिता सेवा का नाम है, त्याग का नाम है, मां सरस्वती के पुत्रों को लक्ष्मी की कृपा की चाह नहीं होती। भारत के संविधान ने पत्रकारों को कई अधिकार दिए हैं लेकिन सिर्फ अधिकारों का प्रयोग करने से समाज का हित नहीं होता, अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी अति आवश्यक है। जब समाज में कहीं कुछ गलत होता है, भ्रष्टाचार चरम पर होता है अधिकारी वर्ग निरंकुश और नेता लापरवाह होता है, ठेकेदार बेईमान और व्यापारी लालची होता है तब पीड़ित जनता को अगर कोई एक नाम याद आता है जो तारणहार की भूमिका निभा सकता है तो वह पत्रकार ही होता है। पत्रकारिता जिम्मेदारी का भाव है, पत्रकारों की भूमिका समाज के प्रति स्पष्ट और तटस्थ होनी चाहिए।