रामलला के प्राण प्रतिष्ठा तीसरा दिन:550 सालों का इंतजार खत्म, रामलला आज गर्भगृह में होंगे विराजमान
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अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में 550 सालों के बाद वो पल आ गया जिसका इंतजार करोड़ों राम भक्तों को पीढ़ी दर पीढ़ी से था।जय श्री राम के जयकारों के साथ राम मंदिर में रामलला का गृह प्रवेश हो गया है।आज गुरुवार रामलला सिंहासन पर विराजमान होंगे।आज रामलला का जलाधिवास और गंधाधिवास होगा। इसके साथ ही आज लगभग 20 तरह का पूजन होगा। इसके लिए संकल्प का मुहूर्त दोपहर एक बजकर 20 से एक बजकर 28 मिनट तक है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यजमान प्रतिनिधि डॉ. अनिल मिश्रा अपनी पत्नी ऊषा मिश्रा के साथ पूजन की सभी विधि को कर रहे हैं। आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित की अगुवाई में 121 आचार्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूजन करा रहे हैं।
*रामलला के विग्रह का हुआ मंदिर में प्रवेश*
बुधवार रात क्रेन से पहले रामलला की मूर्ति को ट्रक से उतार कर मंदिर की चौखट तक लाया गया।उसके बाद मिनी क्रेन से रामलला को मंदिर के अंदर ले जाया गया।आज रामलला के विग्रह को गर्भगृह में विराजित किया जाएगा।रामलला उसी जगह विराजित होंगे जहां सैकड़ों सालों से विराजित थे। रामलला का आसन 3.4 फीट ऊंचा है, जिसे मकराना पत्थर से बनाया गया है। जिस जगह रामलला को विराजित किया जाएगा। वहां मंत्र सोने के पत्र पर श्रीयंत्र बना हुआ है।
*ताम्र पत्रों पर लिखकर नींव के नीचे दबा दिया राम मंदिर का इतिहास*
रामलला के गर्भगृह में बने मार्बल के चबूतरे पर लगा यह दंड असल में शुद्ध तांबे की पाइप है जो गर्भगृह से सैकड़ों फीट नीचे तक जाती है। मंदिर की नींव के नीचे राम मंदिर का पूरा इतिहास ताम्र पत्रों पर लिखकर दबा दिया गया है। गर्भगृह में लगे इस तांबे के पाइप में डाली गई निधि प्रभु श्रीराम के लिए सुरक्षित रहेगी। इसमें डाला गया सोने-चांदी का सिक्का जमा होता रहेगा। हजारों साल बाद भी वो धन राम मंदिर के इतिहास के साथ बचा रहेगा।
*प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य अनुष्ठान*
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। पीएम मोदी 11 दिन का आचार्यों द्वारा तय अनुष्ठान कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के यजमान प्रतिनिधि बनकर अनिल मिश्रा पूजन की सभी विधियों को पूरा कर रहे हैं। आज प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के तीसरे दिन दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर संकल्प के साथ पूजन शुरू होगा। उसके बाद- गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन, आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी, कूर्म, अनन्त पूजन, वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य -प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध-धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजन, मण्डपपूजन होगा।
121 आचार्य कराएंगे रामलला का जलाधिवास
आज से रामलला के इसी प्राण प्रतिष्ठा की पूजा का कार्यक्रम आगे बढ़ेगा।आज रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का जलाधिवास, गन्धादिवास, संध्या पूजन, आरती होगी। 121 आचार्य रामलला का जलाधिवास कराएंगे। वहीं प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन राम मंदिर परिसर में रामलला की प्रतीकात्मक मूर्ति को भ्रमण कराया गया था। मूर्ति को यहां फूलों से सजी एक पालकी में विराजित करके बड़े ही धूमधाम से पूरे परिसर में घुमाया गया।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर अयोध्या ही नहीं पूरा देश राम की भक्ति में सराबोर हो गया है।
बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 22 जनवरी को 400 से ज्यादा साधु संत मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही हजारों की संख्या में देश की जानी मानी हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। सभी को बेसब्री से इंतजार है 22 जनवरी के उस पल का जब राम लला के दिव्य दर्शन होंगे।