अपने इष्ट की सेवा करे ,अपने इष्ट से बढ़कर कोई शक्ति नही होती: उत्तम स्वामी जी
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गरोठ। ढाकनी में श्री उत्तम स्वामी महाराज के मुखारविंद से भागवत कथा का रस कथा के तीसरे दिन में खुब बरसा। गरोठ के आसपास बल्की राजस्थान , गुजरात व अन्य प्रदेशो से भी श्रोतागण भारी संख्या में पधार रहे है ।
आज कथा के तुसरे दिन स्वामी जी ने कई विषयों पर प्रकाश डाला जिसमे बताया कि मनुष्य को जीवन मे घर, परिवार को सुधारने के साथ साथ अपने जीवन को भी सुधारने की आवश्यकता होती है , जिस पर हम कभी ध्यान नही देते है। जीवन की भागदौड़ में परमेश्वर व पुण्य के रास्ते को भुल जाते है जिससे हमारे जीवन का उद्धार नही हो पाता है। मनुष्य लाख जतन करले परंतु मृत्यु को नही रोक पाता है और मृत्यु आने से पहले कई प्रकार से मरने वाले को संकेत देती परंतु हम समझ नही पाते । स्वामी जी ने कहा कि जीवन को सुधारना है तो मृत्यु को सुधारो ओर मृत्यु को सुधारना है तो अधर्म के रास्ते को छोड़ धर्म के रास्ते पर अर्थात प्रभु के बताए मार्ग पर चलना होगा। इंसान आज के समय मे भटकता जा रहा है। इधर इधर के टोने टोटके करने से बेहतर है इंसान अपने इष्ट की सेवा करे अपने इष्ट से बढ़कर कोई शक्ति नही होती ।
कथा में मुख्य रूप से तपन भौमिक , कथा के मुख्य यजमान नारायण सिंह सिसोदिया, कथा संयोजक अंशुल बैरागी एवं राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त एवं महर्षि पतंजली संस्कृत संस्थान व योग आयोग उपाध्यक्ष भरत बैरागी व अन्य आसपास से पधारे हुए गुरूभक्त मंडल के श्रोतागण उपस्थित रहे।