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सीतामऊ में मकर सक्रांति पर्व दान पुण्य देव दर्शन,एक दुसरे को गजक तिल मिठाई खिलाकर तो कहीं आसमान में रंग बिरंगी पतंगें उड़ा कर मनाया

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सीतामऊ। धर्म आस्था की नगरी के नाम से विख्यात रही छोटीकाशी सीतामऊ में मकर सक्रांति का पर्व दान पुण्य, देव दर्शन, गौमाता को हरी घास डाल कर तो कहीं मिठाइयां गजक तिल के लड्डू एक दूसरे को खिलाकर वही दूसरी ओर खेल प्रतियोगिता है गिल्ली डंडा आसमान में रंग बिरंगी पतंगें उड़ा कर मकर सक्रांति का पर्व मनाया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्योतिष शास्त्र की माने तो इस बार मकर सक्रांति 14 जनवरी और 15 जनवरी 2 दिन का पर्व है मकर सक्रांति पर्व शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य दक्षिणायन में रहते हैं तो उस अवधि में देवता की रात में उत्तरायण में 6 माह का स्कोर दीन कहा जाता है दक्षिणायन को नकारात्मकता और अधिकार का प्रतीक तथा उत्तरायण को सकारात्मकता एवं प्रकाश का प्रतीक माना गया है ऐसी मान्यता है कि मकर सक्रांति के दिन यज्ञ में दिए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवी देवता धरती पर अवतरित होते हैं एवं इसी मार्ग से पुण्यात्मा शरीर छोड़कर स्वर्ग आदि लोकों में प्रवेश करती हैं इस दिन दिया गया दान का पुणे काफी फलदाई होता है। हमारी संस्कृति समाज को सोम आदर का भाव प्रदान करती है इसीलिए मकर सक्रांति पर्व पर गरीब आशान्वित जनों को कंबल वस्त्र अन्न मिठाईयां आदि दान करने को धर्म के साथ पुण्य लाभ की प्राप्ति का महत्व बताया गया है।

मकर सक्रांति का पर्व छोटी काशी सीतामऊ नगर सहित अंचल क्षेत्र में आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से लेकर दिनभर आस्था के इस पर्व पर लघु पंचतीर्थ हांडिया बाग में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए वही युवा समाज सेवी एवं अध्यक्ष श्री संजय लाला जाट के नेतृत्व में स्वच्छ सुंदर एवं स्वस्थ गौ माता कि बनी श्री हाडी़या बाग गौशाला में दिन भर भक्तों का आवागमन रहा, गौ भक्तो ने गौ माता को हरी घास खिलाकर पूर्णिया आशीर्वाद प्राप्त किया वही इस दिन शनिवार होने की वजह से शनि देव मंदिर में दी भक्तों का दिन भर शनिदेव के साथ जुड़े सभी नवग्रह देवता के दर्शन पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया वही नगर के श्रीराम विद्यालय मैदान उपज मंडी के पास हवाई अड्डे पर महाकाल मुक्तिधाम परिसर सहित कई स्थानों पर क्षेत्र के युवा नागरिकों का दिन भर एक दूसरे को तिल गुड़ के लड्डू गजक तो कहीं पानी पतासे खिला कर मेल मिलाप के साथ गिल्ली डंडा प्रतियोगिता तथा कई नागरिकों ने अपने परिजनों के साथ अपने अपने घरों की छतों से परिजनों के साथ घने आकाश तक अपनी पतंग उड़ाने के साथ प्रतियोगिता का आनंद लिया।

मकर सक्रांति पर्व को लेकर हांडिया बाग श्री हनुमान जी के पुजारी श्री श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि मकर सक्रांति पर्व का ज्योतिषी एवं पौराणिक मान्यता है जिनके अनुसार मकर सक्रांति के दिन भगवान विष्णु के अंगूठे से निकली गंगा जी भागीरथ जी के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम होकर सागर में जाकर मिली और भागीरथ जी के पूर्वजों को मुक्ति प्रदान की थी। इसलिए यह दिन को गंगा भागीरथी प्राकट्य दिवस भी है इस दिन ऊनी वस्त्र अन्न,तिल्ल गुड़ कि मिठाई आदि दान में करने से जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है एवं मृत परिजनों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर सक्रांति के दिन प्रातकाल स्नान सूर्य को अर्घ्य देने से पिता पुत्र सूर्य शनि का एक साथ आशीर्वाद प्राप्त होता है उस व्यक्ति को धन्य धन्य की प्राप्ति होकर शनि की दशा का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है।

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